नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद बसपा मुखिया मायावती के भाई आनंद कुमार ने करोड़ों का कालाधन दो खास रीजनल टीवी न्यूज चैनलों में खपा दिया । ये रीजनल चैनल यूपी की खबरों पर खास तौर से फोकस करते हैं।करीब 12 सौ करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन की जांच के दौरान सामने आए तथ्य इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं। जैसे-जैसे जांच बढ़ेगी, आनंद कुमार की मुश्किलें भी बढ़ने वाली हैं। आनंद कुमार के नंबर दो की कमाई का करोडों रुपये लेकर सफेद करने वाले लोकल टीवी चैनल मालिक भी फंसेंगे। चूंकि इस समय चुनाव का सीजन चल रहा है, इस नाते मोदी सरकार के इशारे पर फिलहाल केंद्रीय एजेंसियों ने एक्शन रोक रखा है। क्योंकि टीवी चैनलों के दफ्तरों पर छापा पड़ने से विपक्ष भाजपा सरकार के खिलाफ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दमन करने का मुद्दा बना सकता है।
बिना आर्थिक गतिविधि के अरबों का लाभ कैसे कमा रहीं कंपनियां
सीबीआई टीम जांच के दौरान यह देखकर दंग रह गई कि मायावती के भाई आनंद कुमार की दर्जनों सेल कंपनियां पिछले कई साल से किसी आर्थिक गतिविधि में शामिल नहीं रहीं। बावजूद इसके हर साल करोड़ों का टर्ऩओवर होता रहा। इससे साफ पता चलता है कि इन कंपनियों के जरिए कालाधन सफेद करने का खेल चल रहा है। सीबीआई के सूत्र बताते हैं कि 2007 में मायावती के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2012 तक आनंद कुमार ने अकूत कमाई की। इसके बाद उन्होंने दर्जनों सेल कंपनियां खड़ी कर इस पैसे को ठिकाने लगाया।
दो तरह से आनंद ने की अवैध कमाई
2007 में जब मायावती चीफ मिनिस्टर हुईं। आनंद कुमार की बांछें खिल गईं। उन्होंने दो तरह से धन कमाना शुरू किया। नई कंपनियां खोलना और दूसरी कंपनियों के स्टॉक खरीदना। मायातवती के मुख्यमंत्री बनने के एक साल के अंदर ही आनंग कुमार ने DLA Infrastructure Pvt Ltd.कंपनी खड़ी की। पहले ही साल कंपनी की संपत्ति 75 करोड़ रुपये थी। अगले पांच साल में इस कंपनी की कोई बिजनेस एक्टिविटी नहीं रही। कुमार की पत्नी विचित्र लता इकलौती कर्मचारी रहीं और पूरे 30 लाख की सेलरी लेती रहीं। इसकी संपत्ति सौ करोड़ रुपये हो गई 2008 में। डीएलफ कंपनी के जरिए आनंद ने Blue Bird Hotels Pvt Ltd.नामक कंपनी के शेयर खरीदे। फिर मसूरी में एक होटल संचालित करने लगे। 2013 में डीएलएफ की संपत्ति बढ़कर 124 करोड़ हो गई। 15 से 20 मिलियन शेयर बढ़ गए। यही नहीं बसपा के हाथ से सत्ता फिलने पर 2012 में आनंद कुमार ने V&A Ventures LLP
नामक कंपनी बनाई। बिना किसी बिजनेस गतिविधि में शामिल हुए इस कंपनी ने 2014 में 347 करोड़ रुपये दिखाए। इसके अगले तीन साल में 821 करोड़ रुपये।
इन कंपनियों का खातबही भी निकला संदिग्ध
Ratan Jyoti Credits Ltd, a Meerut-based company, Mumbai-based Darshnik Trading Pvt Ltd and a company called Pioneer Offshore Private Ltd, whose origins are unclear.