मऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बसपा सुप्रीमो मायावती की आगामी रैलियों की खामियाजा बेचारे किसानों को उठाना पड़ रहा है. सदर विधान सभा क्षेत्र के दो गांवों की 27 बीघे की हरीभरी फसल को इसलिए काट दिया गया कि यहां नेताओं की रैलियां होनी है. दोनों गांव के करीब 20 किसान इससे प्रभावित हुए हैं. उनकी 27 बीघा गेहूं की फसल को पलभर में ही कटवा दिया गया. किसानों का आरोप है कि फसलों को आनन-फानन में कटवाया गया है. बता दें कि पीएम मोदी 27 फरवरी को यहां आने वाले हैं. पहले उनकी रैली घोसी विधानसभा क्षेत्र कमें होनी थी, लेकिन इसे अचानक बदल दिया गया. इसके बाद ही छोटी सरयू नदी के पास करीब 27 बीघे की गेहूं की खड़ी फसल को हल्ला बोलकर काट दिया गया. कार्यक्रम को लेकर एसपीजी डेरा डाले हुए है. कई केंद्रीय नेता भी मऊ पहुंच चुके हैं. मऊ शहर से सटे भुजौटी के पास जनसभा स्थल पर 22 बीघा के में जनसभा और 5 बीघे में हेलीपैड बनाया जा रहा है.
बहराइच में भी ऐसा किया गया था तो रुक गई किसान की बेटी की शादी.
बहराइच जिले में 23 फरवरी को पीएम मोदी की जनसभा थी. रामगांव क्षेत्र के चौपाल सागर के पास जिस स्थान पर मोदी की रैली हुई और जहां उनका हेलीकॉप्टर उतरा, उस स्थान पर गेंहू की हरी फसल खड़ी थी. यह फसल बटाई पर मोहम्मदपुर की राजरानी और उनके पति राजितराम ने बोई थी. पीड़िता का कहना है कि वह फसल तैयार होने पर इसे बेचकर बेटी की शादी करने वाली थी लेकिन इसे कटवा दिया. साथ ही फसल का मुआवजा 25 हजार में जबरन तय करके भाजपाइयों ने महज उसे 8 हजार रुपए ही दिए. विरोध किया तो नेताओं ने उसे धमकी भी दी.