रांची/श्रीनगर : करगिल में बर्फ से दबकर झारखंड के तीन सैनिक शहीद हो गए. बटालिक सेक्टर में गुरुवार को हिमस्खलन हुआ था. बर्फ की चट्टान सेना की चौकी पर गिरी. इसमें पांच जवान बर्फ के नीचे दब गए थे, जिसमें से दो बचा लिए गए.
तीनों शहीद झारखंड के हैं-मांडर के बिसाखटंगा गांव का सिपाही कुलदीप लकड़ा, इटकी के सेमरा गांव के हवलदार प्रभु सहाय तिर्की और पाकुड़ के रमनाथपुर गांव के रहने वाले लांस नायक बिहारी मरांडी.
कुलदीप की मां गोरमति कुजूर कहती हैं कि उसका बेटा जांबाज था. अक्सर कहता था उसे दुश्मनों से डर नहीं लगता, लेकिन करगिल में बर्फबारी काफी होती है. बर्फ में फिसलने का भी वह जिक्र करता था. आखिरकार बर्फ ने ही उसके होनहार इकलौते बेटे को छीन लिया. घर की सारी जिम्मेवारी कुलदीप के कंधे पर ही थी. उसके वेतन के पैसे से घर का खर्चा चलता था, पिता लोन का इंस्टालमेंट भरते थे. मां कहती थी कि कुलदीप पढ़ने में तेज था, वह सेना में अफसर बनना चाहता था, लेकिन माली हालत ठीक नहीं होने के कारण उसने सिपाही बनना कुबूल किया.
बिहारीमरांडी केबड़े भाई प्रधान मरांडी कहते हैं कि दिसंबर में वह अंतिम बार घर आया था. दोनों बड़े भाई सीआईएसएफ में हैं. इनसे प्रेरणा लेकर उसने सेना में जाने की ठानी और 2002 में आर्मी ज्वाइन किया। गुरुवार की रात उन्हें छोटे भाई की शहादत की खबर मिली. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने तीनों शहीदों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की मदद की घोषणा की है.