लखनऊ:भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सलाकार और राम जन्म भूमि आन्दोलन के सक्रीय नेता लाल कृष्ण आडवाणी का दर्द बांग्ला देश की प्रधान मंत्री के आने पर एक बार फिर छलक उठा जब उन्होंने फिर यह कहा कि मेरे लिये 'यह बड़ा दुखद है कि मेरा जन्मस्थान सिंध भारत का हिस्सा नहीं है'।
आडवाणी ने आज फिर कहा कि यह अफसोस की बात है कि पाकिस्तान का सिंध प्रांत, जहां उनका जन्म हुआ था, वह आजाद भारत का हिस्सा नहीं है।लाल कृष्ण आडवाणी इंडिया फाउंडेशन द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की मौजूदगी में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि आपमें से कितनों को इसका अहसास है। वह अहसास जो मुझे है कि सिन्ध भारत का एक हिस्सा था, जब भारत अविभाजित था। भारत तब आजाद नहीं था और यहाँ ब्रिटिश शासन था। सिन्ध स्थान एक ऐसा हिस्सा था, जहां मेरा जन्म हुआ था।
आडवाणी ने कहा कि जब भारत आजाद हुआ, हमारी आजादी के साथ वह हिस्सा सिन्ध हमसे अलग हो गया। जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ था। सिंध -भारत का हिस्सा नहीं है, अब यह हमारे साथ नहीं है ।उस हिस्से में रहने वाले मैं और मेरे दोस्त दुखद महसूस करते हैं।
उन्होंने कहा कि चूंकि बांग्लादेश की प्रधानमंत्री भारतवर्ष आयी हैं तो उन्होंने उनके सामने अपनी पीड़ा बयां करने के बारे में सोचा।आडवाणी इससे पूर्व भी कई अवसरों पर अपना यह दुख व्यक्त कर चुके हैं। एक अवसर पर उन्होंने यहाँ तक कहा था कि सिंध के बिना भारत 'अधूरा’ सा लगता है।