नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कुर्सी से उतारने की कांग्रेसियों की एक और साज़िश आज विफल हो गई। वाराणसी से मोदी के खिलाफ़ कांग्रेसी उम्मीद्वार अजय राय ने मोदी के नामांकन को रद्द करने की जो याचिका लगाई थी उसे इलाहबाद हाईकोर्ट ने आज ख़ारिज कर दिया। अजय राय ने आरोप लगया था की पत्नी की संपत्ति के बारे में मोदी ने आयोग से छिपाया था। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने खुली अदालत में फ़ैसला सुनाया। हालांकि अजय राय की तरफ से याचिका में आपत्ति की गई कि मोदी ने अपनी पत्नी की संपत्ति के बारे में नहीं जानता लिखकर आयोग से सही तथ्य छिपाये हैं, जबकि वेरीफिकेशन में कहा कि जो भी तथ्य दिये गये हैं मेरी जानकारी में सही हैं।
मोदी ने गलती नहीं
दरअसल लोकसभा चुनाव के वक़्त मोदी ने पत्नी की आय-व्यय का ब्यौरा न देकर आयोग के समक्ष ज़ाहिर करने के नियम का उल्लंघन करने के कारण चुनाव निरस्त किया जाना चाहिए। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि याची ने पत्नी की संपत्ति की जानकारी नहीं का हलफनामा देने पर आपत्ति की है, किंतु यह नहीं बताया है कि उन्हें मोदी की पत्नी की संपत्ति की जानकारी थी। इसके बावजूद उन्होंने जानकारी नहीं दी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि मोदी के आयोग को दिये गये हलफनामे में कोई त्रुटि नहीं है। याची यह साक्ष्य नहीं दे सका कि मोदी ने जानबूझकर तथ्य छिपाया। याची का यह कहना कि याचिका में कुछ तथ्य छूट गये हैं जिन्हें पूरा करने का मौका दिया जाय, किंतु याची ने इस बाबत न तो कोई अर्ज़ी दी है और न ही याचिका में उचित संशोधन की अर्ज़ी दी। कोर्ट याचिका की ग्राह्यता पर मोदी की तरफ से की गई प्रारंभिक आपत्ति पर अपना फ़ैसला सुना रही है। बुधवार को भी फ़ैसला सुनाया जा सकता है। कांग्रेस में इससे बेहद उम्मीद थी लेकिन अब यह याचिका खारिज होने के बाद काग्रेस एक बार फिर हताश और निराश खड़ी हुई है।