नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात की धरती से देशवासियों पर गरजते हुए कहा कि जिन बेटियों को लोग अपना बोझ समझते हैं. उनको अब होश में आना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब देश को रियो ओलंपिक में एक भी पदक न मिलने के कारण शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में बेटियों ने ही देश कि खाली झोली में दो पदक डालकर अपने माँ - बाप का ही नहीं बल्कि भारत की धरती का भी मान बढ़ाया.
मोदी बोले गुजरात की सीख काम आयी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गुजरात के जामनगर में अजी बांध पर स्थित SAUNI प्रोजेक्ट के पहले फेज का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जब वे दिल्ली पहुंचे तो गुजरात में मिली सीख ने उनकी बहुत मदद की. इसीलिए गुजरात में 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' अभियान में सफलता मिलने के बाद जब उन्हें राज्य की सत्ता की बजाय देश की सत्ता जनता ने सौंपी तो उन्होंने इस अभियान को पूरे देश में लागू करने का मन बनाया. उन्होंने कहा कि साक्षी और सिंधु इसका सबसे ताजातरीन उदाहरण हैं. उन्होंने देश कि जनता से अपील की इसीलिए वह फिर देशवासियों से यह अपील कर रहे हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ और बेटी लाओ. दरअसल बेटी बोझ नहीं हैं.
PM ने राज्य सरकार का किया शुक्रिया अदा
प्रधानमंत्री ने कहा, 'जब मैंने लोगों को बताया कि पानी सबसे महत्वपूर्ण है तो लोगों ने मेरी बात नहीं मानी. लेकिन मैं अपनी बात पर कायम रहा. मैंने गुजरात में सीएम पद की शपथ लेते ही किसानों से कहा था कि आपके लिए पानी सबसे महत्वपूर्ण है.' उन्होंने इस कार्यक्रम में बुलाने के लिए गुजरात सरकार का शुक्रिया भी अदा किया.
SAUNI प्रोजेक्ट से राहत मिलेगी सौराष्ट्र को
मोदी ने कहा कि SAUNI प्रोजेक्ट ऐसी पहल है, जिस पर हर गुजराती गर्व महसूस करेगा. हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि ये प्रोजेक्ट कैसे शुरू हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई पहल की हैं. SAUNI योजना से सौराष्ट्र के 116 छोटे बड़ें जलाशयों को भरा जाएगा. माना जा रहा है कि इस प्रोजेक्ट से आने वाले कई सालों तक सौराष्ट्र में पानी की समस्या नहीं होगी.
गुजरात में रैली के राजनीति क मामले
दो साल बाद प्रधानमंत्री के सौराष्ट्र दौरे के कई राजनीतिक मायने भी है. पाटीदार बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और इनमें सबसे ज्यादा तादाद सौराष्ट्र के पाटीदारों की है. दलित कांड भी सौराष्ट्र में ही हुआ था. ऐसे में प्रधानमंत्री के दौरे को राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है.