नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को पद्म पुरस्कार विजेताओं के नामों की घोषणा की। जहां इस सूची में कई मशहूर खिलाड़ियों, राजनेताओं के नाम शामिल हैं, वहीं कुछ अनजान मगर समाज के लिए काम करने वाली शख्सियतों को भी पद्म पुरस्कार से नवाज़े जाने की घोषणा की गई है। लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिन्हे खुद प्रधानमंत्री मोदी एक वक़्त भ्रष्टाचार कहने से नहीं चूके, यानी जिस शख़्स को देश के पीएम भ्रष्टाचारी बताते हैं उसे ही देश का प्रतिष्ठित सम्मान भी दे दिया जाता है। यानी प्रधानमंत्री मोदी की बातें अब वाकई बेईमानी नज़र आने लगी हैं।
भ्रष्टाचारी कहने वाला गलत या भ्रष्ट को ही सम्मान
2014 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 अक्टूबर को एनसीपी को ‘नैचुरली करप्ट पार्टी’ करार दिया था। हालांकि उसी समय शरद पवार ने कहा था कि वह ‘निजी हमले’ कर पीएम के पद की गरिमा का अपमान कर रहे हैं। मोदी ने प्रचार के दौरान कहा था कि यह (एनसीपी) एक राष्ट्रवादी पार्टी नहीं, बल्कि एक भ्रष्टाचारवादी पार्टी है। उन्होंने अपने भाषण में कहा था, ”एनसीपी प्राकृतिक रूप से भ्रष्ट है। जब से पार्टी पैदा हुई है कुछ नहीं बदला है, उनके नेता भी वैसे ही रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि उनकी घड़ी (पार्टी का चुनाव चिन्ह) का मतलब क्या है? घड़ी 10 बजकर 10 मिनट दिखाती है जो बताती है कि 10 सालों में उन्होंने अपनी भ्रष्टाचारी गतिविधियां 10 गुना बढ़ा ली हैं।”
इन सब पर किये गए प्रधानमंत्री द्वारा तीखे
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार हों या महबूबा मुफ़्ती और पिता मुफ़्ती मोहोम्मद सईद पर भी जमकर हमले किये लेकिन बाद में उन्हीं के साथ सरकार बना ली। एनसीपी को तो नेशनल करप्ट पार्टी तक कह दिया था। लेकिन जिन नेताओं पर कभी खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीखे हमले किये आज पद्म से नवाज़ा जा रहा है तो इसका मतलब है क्या, पीएम की बात का कोई मतलब है नहीं, या सियासी करते थे।