नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मोदी सरकार पर फटकार लगाते हुए सॉलिसिटर जनरल से मोदी सरकार के मंत्री का नाम बताने को कहा। लेकिन सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा कि मोदी सरकार ने दिव्यांगों की मदद के लिए कई कदम उठाए हैं। लेकिन कोर्ट ने नाम पूछना बंद नही किया। कोर्ट ने कहा कि दिव्यांगों कल्याण की ‘फाइलों पर बैठे’ हुए हैं कौन हैं ये मंत्री.
‘पंचायत’ की तरक काम कर रही है सरकार
बार-बार पूछने पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ”मंत्री का नाम थावर चंद गहलोत है।” बता दें कि गहलोत केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्री है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पूछा कि क्या मोदी सरकार ‘पंचायत’ की तरक काम कर रही है।
दिव्यांगों के मामले में सुनवाई कर रहा था कोर्ट
कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट में दिव्यांगों को विकास के लिए एकसमान उपलब्धता और समान अवसर देने के एक जनहित में याचिका दायर की थी। जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने वर्तमान सरकार द्वारा उठाए गए कदम गिनाए। इस पर बेंच ने पूछा कि एनडीए सरकार के दो साल के शासनकाल में विकलांग कानून के तहत केंद्रीय संयोजन कमेटी की कोई बैठक क्यों नहीं बुलाई गई।
कौन है केंद्रीय मंत्री
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ”संबंधित केंद्रीय मंत्री कौन है?” इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बैठक इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि एनडीए सरकार ने 2014 में ‘राइट्स ऑफ पर्संस विद डिसएबिलिटी बिल’ पेश किया। , लेकिन बेंच ने मंत्री का नाम जानने पर जोर दिया। कुमार ने इस पर जोर देते हुए कि आखिरी बैठक 2012 को बुलाई गई थी, कहा कि पिछली सरकार के काल में भी ऐसी कोई बैठक नहीं बुलाई गई। इस पर बेंच ने कहा, ”पिछली सरकार ने नहीं किया, ठीक है मगर आप कहते हैं कि यह सरकार अलग है। फाइलों पर बैठा हुआ माननीय मंत्री कौन है?… बताइए ये कौन मंत्री है जो फाइलों पर बैठा रहता है।”
अदालत ने आगे कहा, ”यह भारत सरकार है या कोई पंचायत? भारत सरकार सोचती है कि वर्तमान कानून को बदलने के लिए एक बिल काफी है। यह मंजूर नहीं है कि पिछले चार साल में कोई बैठक नहीं हुई। ऐसा लगता है कि कानून या भियान को लागू करने के लिए कुछ नहीं किया गया। क्या सरकार इसी तरह काम करती है?”
सॉलिसिटर जनरल ने बेंच को बताया कि केंद्रीय संयोजन कमेटी की अगली बैठक 29 नवंबर को बुलाई जाएगी। इस पर बेंच ने कमेटी के चीफ कमिश्नर को बैठक के मुख्य बिंदु 14 दिसंबर को जमा कराने को कहा है।