देहरादून: गैरसैंण सत्र के दूसरे दिन जैसे ही मुख्यमंत्री हरीश रावत सुबह साढ़े दस बजे के में प्रवेश के लिए मुख्यद्वार की ओर बढ़े अचानक एक युवती उनके पैरों पर गिरकर बोली 'साहब मुझे न्याय दिला दो'। युवती बरेली के एक युवक पर उत्पीड़न का आरोप लगा रही थी। सीएम रावत ने तुरंत ही डीआईजी को कार्रवाई के निर्देश दिए और उस लड़की को दिलासा भी दिया।
जालसाज़ी का शिक़ार हुई युवती
दरअसल देवाल क्षेत्र में रहने वाली युवती अपने पिता के सांथ काफी देर से विधानसभा परिसर के बाहर सड़क पर इंतज़ार कर रही थी। पिता-पुत्री ने एक-दो बार परिसर में घुसने का प्रयास भी किया, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने अनुमति पत्र न होने के कारण उन्हें रोक दिया। इसके बाद वे गेट के पास ही बैठ गए। जैसे ही कुछ देर में मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा भवन में प्रवेश के लिए वहां पहुंचे तो युवती तेजी से उन तक पहुंची और पैर पकड़ लिए। अचानक इस घटनाक्रम से मुख्यमंत्री हरीश रावत असहज हो गए। फिर उन्होंने युवती को ढांढस बंधाया और समस्या बताने को कहा। युवती ने बताया कि छह माह पहले उसकी फेसबुक के ज़रिये बरेली (उत्तर प्रदेश) के युवक से जान-पहचान हुई। युवक ने नौकरी का झांसा देकर उससे फोटो और शैक्षणिक दस्तावेज मंगा लिए। युवती का आरोप है कि उसने इन दस्तावेजों की मदद से जालसाज़ी कर विवाह के काग़ज़ भी तैयार करा लिए।
पुलिस पर भी लगा संगीन आरोप
चमोली की पुलिस अधीक्षक प्रीती प्रियदर्शनी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बीच युवती एक बार बरेली भी गई। अब युवक उसे ब्लैकमेल कर रहा है। इससे वह परेशान है। उसने थराली थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया है। युवती का आरोप है कि युवक का रिश्तेदार पुलिस में है, इसीलिए पुलिस भी मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है।