नई दिल्लीः पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के परिवार की बस ने राज्य के ट्रेनी आईएएस के पिता को कुचल दिया। मौत होने के बाद पुलिस ने काफी देर बाद सिर्फ चालक पर केस दर्ज किया। वहीं केस से बादल परिवार की डबवाली कंपनी का नाम गायब कर दिया गया। यही नहीं मुकदमे के बाद पुलिस चैन की नींद सो रही है। 48 घंटे बीतने के बाद भी चालक गिरफ्त से बाहर है। कहा जा रहा कि मुख्यमंत्री के दफ्तर से बजी फोन की घंटी ने पुलिस की हालत खराब कर दी। अब पुलिस मामले में लीपापोती व समझौता कराने की कोशिश में है। उधर जनता में गुस्सा है। लोगों का कहना है कि बादल परिवार से जुड़ाव रखने के कारण बसों के ड्राइवर व स्टाफ सड़क पर मनमानी से बसें दौड़ाते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
कब हुई घटना
ट्रेनी आईएएस के पति हरसिमरन सिंह के पेशे से शिक्षक पिता मनजीत सिंह बरनाला रोड से गुजर रहे थे। कालियांवाली से लुधियाना जा रही डबवाली ट्रांसपोर्ट कंपनी की बस ने उन्हें टक्कर मार दी। घटना के बाद चालक बस लेकर फरार हो गया। गंभीर रूप से घायल मनजीत सिंह को नजदीक के एक अस्पताल में लाया गया। यहां उनकी मौत हो गई। मनजीत के भतीजे गुरदीप सिंह की तहरीर पर पुलिस ने कैंट थाने में चालक मोनू के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
मुख्यमंत्री की कंपनी होने से स्टाफ को कानून का भय नहीं
इस घटना के बाद पंजाब के विपक्षी दलों ने बादल परिवार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेसी नेता राज नंबरदार का कहना है कि बादल परिवार की ओर से संचालित कंपनी की बसों का स्टाफ खुद को कानून से ऊपर समझता है। उसे आम आदमी के जान की कोई कीमत नहीं लगती। इस मामले में बादल परिवार भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए।