देहरादून: उत्तराखण्ड के पिरान कलियर सीट पर कांग्रेस का झंडा हवा का रुख बदल सकता है। कांग्रेस मुस्लिम वोटों के सहारे यहां जीतना चाहती है। बसपा अगर इस सीट पर मुस्लिम चेहरे को सामने लाती है तो कांग्रेस-बसपा में कड़ी टक्कर के आसार हैं। जबकि भाजपा को ग़ैर मुस्लिम वोटों के ज़रिये ही जीत की बात कर रही है।
एक नज़र में पिछला चुनाव
पिछले विधानसभा चुनाव पर गौर करें तो यहां कांग्रेस, भाजपा और बसपा तीनों कड़े मुक़ाबले में थे। हालांकि जीत कांग्रेस प्रत्याशी फुरकान अहमद की हुई थी। यह 25 हज़ार 870 वोट लेकर पहले स्थान पर रहे। बसपा के शहजाद 23 हज़ार 926 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे स्थान पर भाजपा के श्यामवीर सिंह सैनी ने 21 हज़ार 648 मत हासिल किए थे।
अपने अपने राजनीति क समीकरण
दरअसल, पिछली बार कांग्रेस-बसपा से मुस्लिम चेहरे थे। इस बार भी बसपा मुस्लिम चेहरे को सामने लाती है तो कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने की स्थिति होगी। वहीं भाजपा भी इस बार मजबूती के साथ चुनाव लड़ती है तो गैर मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन से नैय्या पार लगाने की कोशिश करेगी। मुस्लिम वोट जिस पक्ष में एकतरफा रुझान दिखाएंगे। उसका पलड़ा भारी हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद है कि वह मुस्लिम बिरादरी को पूरी तरह अपने पक्ष में करने में कामयाब रहेगी।
इसी कारण के चलते कांग्रेस के झंडे के नीचे मुस्लिम वर्ग को एकजुट करने के लिए कौमी एकता सम्मेलन का आयोजन किया गया। यदि इस सीट पर कांग्रेस के झंडे तले मुस्लिम बिरादरी एकजुट होती है तो यहां चुनाव का रुख कांग्रेस के पक्ष में होगा। हालांकि समीकरण किसके पक्ष में सटीक बैठते हैं, इसका सही आकलन सभी पार्टियों में टिकटों के फाइनल होने के बाद ही हो सकेगा।