नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) नियमों की अधिसूचना जारी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की गई। CAA को नागरिकता संशोधन कानून लागू होने से पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को अब आसानी से नागरिकता मिल जाएगी।
सीएए कानून के नियम और प्रावधान क्या है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 यानी सीएए के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही सीएए कानून देशभर में लागू हो गया है।
CAA को नागरिकता संशोधन कानून कहा जाता है। इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
सीएए का फुल फॉर्म नागरिकता (संशोधन) अधिनियम है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 एक ऐसा कानून है, जिसके तहत दिसंबर 2014 से पहले तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आने वाले छह धार्मिक अल्पसंख्यकों (हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई) को नागरिकता दी जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले 11 मार्च 2024 को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 की अधिसूचना जारी कर दी है। सीएए नियमों का उद्देश्य गैर-मुस्लिम प्रवासियों जिनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है।
. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019, दिसंबर 2019 में संसद में पारित किया गया। इसके बाद राष्ट्रपति से सीएए कानून को मंजूरी मिल गई थी। हालांकि राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न राज्यों में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया गया।
5. सीएए के नियम पहले से ही तैयार कर लिए गए थे और इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रखी गई है। आवेदन के लिए आवेदक को किसी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन रहेगी। आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए।।
7. गृह मंत्रालय की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल 2021 से 31 दिसंबर 2021 के बीच पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के 1414 व्यक्तियों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पंजीकरण या प्राकृतिककरण के माध्यम से भारतीय नागरिकता प्रदान की गई।
8. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 से भारतीय नागरिकों का कोई सरोकार नहीं है। संविधान के तहत भारतीयों को नागरिकता का अधिकार है। सीएए कानून भारतीय नागरिकता को नहीं छीन सकता।
9. गृह मंत्री अमित शाह ने 9 दिसंबर को इसे लोकसभा में पेश किया था। नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (सीएए) संसद में 11 दिसंबर 2019 को पारित किया गया था। सीएए के पक्ष में 125 वोट पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ गए थे। 12 दिसंबर 2019 को इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी।
किया है कि अगले सात दिन के अंदर नागरिकता (संशोधन) कानून (CAA) पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा. ठाकुर ने यह बयान पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया. शांतनु ने बंगाली में कहा, मैं गारंटी दे सकता हूं कि अगले सात दिनों में ना सिर्फ पश्चिम बंगाल में, बल्कि पूरे देश में सीएए लागू किया जाएगा. इस बयान के बाद सीएए एक बार फिर चर्चा में है. भारतीय नागरिकता कानून क्या है और इसके लागू होने से क्या बदल जाएगा? किन प्रावधानों पर सबसे ज्यादा आपत्तियां हैं... जानिए सभी बड़े सवालों के जवाब.
बता दें कि भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी. हालांकि, यह अब तक लागू नहीं हो पाया है. सीएए को लेकर पूरे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. खासकर पूर्वोत्तर के सात राज्य इसके खिलाफ हैं. विरोध को लेकर नॉर्थ ईस्ट सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. वहां तोड़फोड़ की वजह से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.
भारतीय नागरिकता (संशोधन) कानून पर 5 साल पहले ही मुहर लग गई थी. हालांकि, यह अब तक लागू नहीं हो पाया है. सीएए को लेकर पूरे देश में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. खासकर पूर्वोत्तर के सात राज्य इसके खिलाफ हैं. विरोध को लेकर नॉर्थ ईस्ट सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है. वहां तोड़फोड़ की वजह से करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था.।
अब देखना यह है कि क्या इस कानून की वाकई जरूरत है या फिर राजनीतिक दांव का एक स्वरुप
मेरे अल्फ़ाज़ मीनू 🙏