भारत में सात शहीद दिवस मनाये जाते हैं। उनमें से सबसे लोकप्रिय 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्य तिथि है।
शहीद दिवस उन लोगों को याद करने और श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने अपने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया । दुनिया भर के कई देशों में, यह उन शहीदों के सम्मान में मनाया जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता, न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी। आइए जानें कि भारत में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है।
23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में याद किया जाता है और भारत में मनाया जाता है। इस दिन 1931 को तीन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों: भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव थापर को अंग्रेजों ने फांसी दी थी।
इस दिन उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज बापू की वजह से ही हम सब आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्ता दिखाया।
भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया।
30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी थी। गांधी जी के इस बलिदान की याद में और उन्हें सम्मान देने के लिए हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज बापू की वजह से ही हम सब आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्: महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नई दिल्ली के राजघाट पर गांधी जी को श्रद्धांजलि देते हैं। शहीद दिवस महात्मा गाँधी के बलिदान के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने का अवसर देता ह महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शहीद दिवस मनाने का इतिहास एवं महत्व,,,
महात्मा गांधी की हत्या के शोक में प्रतिवर्ष 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।
30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या कर दी गई थी।
शहीद दिवस पर अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है।
भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद कराने में गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने भारत की आजादी, विकास और समृद्धि के लिए अपना जीवन तक बलिदान कर दिया। 3
इस दिन उन सभी शहीदों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। आज बापू की वजह से ही हम सब आजाद हवा में सांस ले रहे हैं। गांधी जी के साधारण व्यक्तित्व और साधनापूर्ण जीवन ने सिर्फ भारत को ही नहीं बल्कि विश्व को शांति, अहिंसा और सद्भाव का रास्ता दिखाया।
शहीद दिवर (30 जनवरी) का इतिहास
30 जनवरी, 1948 को, महात्मा गांधी दिल्ली के बिड़ला भवन में एक शाम की प्रार्थना सभा को संबोधित करने जा रहे थे। उसी समय शाम के तकरीबन 5:17 बजे, नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। अहिंसा के पुजारी गांधी जी के निधन के बाद हर साल उनकी पुण्यतिथि (30 जनवरी) को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है शहीद दिवस?
30 जनवरी को शहीद दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। सेना के जवान भी इस अवसर पर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिए अपने हथियार झुकाते हैं। साथ ही देश के सभी शहीदों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा जाता है। स्कूल, कॉलेज और दूसरे संस्थानों में महात्मा गांधी से जुड़े कई तरह के कार्यक्रम, भाषण का आयोजन होता है।
तो आइए आप और हम सब मिलकर उन सभी शहीदों को नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करें जिन्होंने भारत माता की आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर इस धरा को पावन करते हुए अमरत्व को प्राप्त किया। मेरे अल्फ़ाज़ मीनू 🙏🙏