यह कोई नई बात नहीं है कि शीतकालीन सत्र में संसद के दोनों सदनों से सोमवार को 78 सांसद निलंबित किए गए हैं। सांसदों को कक्ष के अंदर विरोध प्रदर्शन के लिए निलंबित किया गया है।
बड़ी संख्या में सांसदों का निलंबन कोई नई बात नहीं है। वर्षों की अवधि में सदन की कार्यवाही बाधित करने और अमर्यादित व्यवहार के लिए कई बार बड़ी संख्या में लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों को निलंबित किया गया
राजीव गांधी की सरकार में भी हुआ था 63 सांसदों का निलंबन, 1989 में लोकसभा के 63 सांसदों को एक सप्ताह के लिए निलंबित किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या की जांच के लिए गठित ठक्कर आयोग की रिपोर्ट पर सांसदों में रोष था। माफी मांगने पर निलंबन वापस हो गया।
2010 में 7 राज्यसभा सदस्य निलंबित हुए थे,
2010 में महिला आरक्षण विधेयक पर अमर्यादित व्यवहार के लिए राज्यसभा के सात सांसदों को निलंबित किया गया।
और 2012। में 8 लोकसभा सांसद निलंबित किए गए,
यह सांसदों के निलंबन का अप्रत्याशित मामला था। तत्कालीन यूपीए सरकार के कार्यकाल में तेलंगाना के मुद्दे पर सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए आठ कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किया गया। सभी आठ सांसद तेलंगाना क्षेत्र के थे और अलग तेलंगाना राज्य की मांग कर रहे थे।
2013 में 12 लोकसभा सदस्यों का निलंबन हुआ था।
तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने साल 2013 में 12 सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड कर दिया था। ये सांसद आंध्र प्रदेश से अलग कर तेलंगाना बनाए जाने का विरोध कर रहे थे और इसे लेकर ही संसद में जमकर हंगामा हुआ था।
2014 में 18 सांसद निलंबित किए गए थे,
13 फरवरी 2014 को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने आंध्र प्रदेश के 18 सांसदों को शेष सत्र के लिए निलंबित किया था। इन सांसदों को तेलंगाना के मुद्दे पर सदन में अव्यवस्था फैलाने के लिए निलंबित किया गया था।
2015 में 25 सदस्य किए गए थे निलंबित
सांसदों को लगातार जानबूझकर सदन बाधित करने के लिए निलंबित किया गया। लोकसभा के सांसद पोस्टर लेकर लगातार नारे लगा रहे थे। 25 सांसदों को 2015 में निलंबित किया गया।
2019 में 45 सांसद किए गए निलंबित,,,
तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने 2019 में 45 सांसदों को संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित किया था। महाजन ने पहले 24 एआईएडीएमके सांसदों को निलंबित किया। इसमें एआईएडीएमके, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसद शामिल थे।
2020 में 8 सदस्यों का निलंबन हुआ था।,,,
राज्यसभा में दो कृषि विधेयक पारित किए जाने के दौरान अमर्यादित व्यवहार के लिए 21 सितंबर 2020 को आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।
12 राज्यसभा सदस्य निलंबितकिए गए थे,,,,
2021 में संसद के मानसून सत्र के दौरान अमर्यादित और आक्रामक व्यवहार के लिए सदस्यों को शेष शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित किया गया।
इसलिए यह कोई नई बात नहीं है बस हर बार के निलंबन का मुद्दा अलग है।
मेरे अल्फ़ाज़ मीनू 🙏