Chandrayaan-3: 'चार साल से इसी मिशन के लिए जी रहे हैं, खाते-पीते, सोते-जागते बस यही मिशन चल रहा है. इसके लिए इसरो की टीम ने जो प्रयास किए हैं, वो अकल्पनीय हैं. मुझे इसरो का हिस्सा होने पर गर्व है.'
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होने के बाद, इसरो टीम के एम शंकरन ने कुछ यूं अपनी खुशी जाहिर की.चांद पर सफल लैंडिंग के साथ ही भारत ने इतिहास रच दिया है.
चंद्रयान-3 आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंड हुआ. देशभर में चंद्रयान-3 की कामयाबी के जश्न का माहौल है. पूरे देश और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की टीम को बीते चार साल से इस गौरवान्वित पल का ही इंतजार था.।
चांद के दक्षिणी ध्रुप पर लैंड करने वाला भारत पहला देश बन गया है. इसके पीछे इसरो टीम की कड़ी मेहनत और प्रतिज्ञा है, जिन्होंने अपनी जिंदगी के चार साल चांद पर तिरंगा फहराने में लगा दिए. उनकी जिंदगी के हर क्षण में मून मिशन रहा. आइए जानते हैं इस कामयाबी के बाद इसरो चीफ डॉ एस सोमनाथ के साथ देश को संबोधित करते हुए मंच पर नजर आए वो प्रमुख चेहरे कौन-कौन से हैं.
डॉ एस सोमनाथ: इसरो अध्यक्ष
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष डॉ एस सोमनाथ के नेतृत्व में चंद्रयान-3 मिशन कामयाब हुआ. इस मिशन की सफलता को लेकर उन्होंने कहा कि मैं सभी भारतीयों और उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं
जिन्होंने हमारे लिए प्रार्थना की. मैं किरण कुमार सर, श्री कमलाधर, कोटेश्वर राव को धन्यवाद देना चाहता हूं, वे बहुत मदद कर रहे हैं और टीम का भी हिस्सा हैं. हमें टीम के सभी साथियों से विश्वास मिला. यह कार्य या पीढ़ी नेतृत्व और इसरो वैज्ञानिक
जिनके नाम पर रखा गया चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम...
ये हैं चंद्रयान-3 के रियल हीरो, जिन्होंने 'मून मिशन' में लगा दिए जिंदगी के 4 साल
चंद्रयान-3 के लिए योगदान: L&T ने बनाया लॉन्च वाहन, BHEL ने बैट्री... गोदरेज की ये थी
'आदिपुरुष' से भी कम बजट में तैयार हुआ चंद्रयान-3, दो साल पहले होना था लॉन्च
Chandrayaan-3: लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर क्या काम करेंगे।
खौफ के वो आखिरी 17 मिनटChandrayaan-3: 'चार साल से इसी मिशन के लिए जी रहे हैं, खाते-पीते, सोते-जागते बस यही मिशन चल इसके लिए इसरो की टीम ने जो प्रयास किए हैं, वो अकल्पनीय हैं. मुझे इसरो का हिस्सा होने पर गर्व है.' चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होने के बाद, इसरो टीम के एम शंकरन ने कुछ यूं अपनी खुशी जाहिर की.Chandrayaan 3 Landing Live: चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद की सतह पर लैंड हो गया है. इसके पीछे इसरो के कई इंजीनियर और वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत है. बेहद कम लो,ग अपने इन हीरोज के बारे में जानते हैं. अगर आप भी चंद्रयान मिशन के होरीज के बारे में जानना चाहते हैं, तो आज हम उनके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं. चंद्रयान-3 के मिशन को अंजाम देने वाले इन गुमानम हीरोज नहीं ही भारतवासियों को गर्व करने का मौका दिया है.
बता दें कि इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गानाइजेशन (ISRO) के साइंटिंस्ट्स पिछले 4 साल से चंद्रयान-3 सैटेलाइट पर काम कर रहे थे. जिस समय देश में कोविड-19 महामारी फैली हुई थी, उस समय भी इसरो की टीम भारत के मिशन मून की तैयारी में जुटी थी. इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ का कहना है कि लगभग 700 करोड़ रुपये के मिशन को पूरा करने और चलाने के लिए लगभग 1,000 इंजीनियरों और वैज्ञानिकों ने काम किया.चंद्रयान-3 को पूरा करने के लिए फीमेल साइंटिस्ट और इंजीनियर्स ने भी अहम किरदार निभाया. चंद्रयान-3 को सफल बनाने में एस सोमनाथ के अलावा प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल, मिशन डायरेक्टर मोहना कुमार, विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर, यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) के निदेशक एम शंकरन और लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (LAB) प्रमुख ए राजराजन ने भी अहम किरदार निभाया.इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ
व्हीकल मार्क-3 की मदद से ही चंद्रयान-3 कक्षा में पहुंच था. एयरोस्पेस इंजीनियर एस सोमनाथ ने ही चंद्रयान के व्हीकल मार्क-3 या बाहुबली रॉकेट के डिजाइन में मदद की थी. वह बेंग्लुरु स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के छात्र रहे हैं और संस्कृत बोल सकते हैं और उन्होंने यानम नामक एक संस्कृत फिल्म में अभिनय किया है.
चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक वीरमुथुवेल
. वह चंद्रयान-2 और मंगलयान मिशन से जुड़े थे. रमुथुवेल ने अपने अनुभव से चंद्रयान-3 मिशन को मजबूत बनाने में मदद की.
मिशन निदेशक मोहना कुमार
एस मोहना कुमार चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक हैं. वह विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं. चंद्रयान-3 से पहले वह LVM3-M3 मिशन पर वन वेब इंडिया 2 सैटेलाइट के निदेशक थे.VSSC के निदेशक एस उन्नीकृष्णन नायर
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) में एस उन्नीकृष्णन नायर और उनकी टीम चंद्रयान -3 के हर महत्वपूर्ण पहलु पर नजर रखती है.नायर ने ही जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (JSLV) मार्क-III विकसित किया है. वह एक एयरोस्पेस इंजीनियर है. उन्होंने अपनी पढ़ाई भारतीय विज्ञान संस्थान की थी.
यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के निदेशक एम शंकरन
एम शंकरन को इसरो का पावरहाउस माना जाता है. वह नोवल पावर सिस्टम और पावर सैटेलाइट तक जाने वाले सोलर आरेस (उन्हें सैटेलाइट बनाने में तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव है. एम शंकरन चंद्रयान-1, मंगलयान और चंद्रयान-2 सैटेलाइट का भी हिस्सा थे.
लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड (एलएबी) प्रमुख ए राजराजन
ए राजराजन एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं और वर्तमान में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र SHAR के निदेशक हैं. उन्होंने चंद्रयान-3 को कक्षा में स्थापित किया. राजराजन कंपोजिट के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ हैं.
यू आर राव सेटेलाइट की डिप्टी प्रोजेक्टर निदशक कल्पना
कल्पना के ने कोविड महामारी की कठिनाइयों के बावजूद चंद्रयान-3 टीम के साथ काम किया. उन्होंने एक इंजीनियर के रूप में अपना जीवन भारत के सैटेलाइट बनाने के लिए समर्पित कर दिया है. वह चंद्रयान -2 और मंगलयान दोनों मिशनों में शामिल थीं.
रितु करिधल श्रीवास्तव
रितु करिधल श्रीवास्तव इसरो में एक वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं और भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन (MOM) उप संचालन निदेशक रही हैं. उनका जन्म लखनऊ में हुआ और उन्होंने 1996 में लखनऊ विश्वविद्यालय से फिजिक्स में एमएससी की. उन्होंने बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान (IIMC) में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग से एमटेक भी किया. और इन सभी के अथक प्रयास एवं करोड़ो दुआओं ने अपना रंग आखिर दिखा आज चांद पर हमने तिरंगा फहरा दिया,,,, मीनू की डायरी भाग दो 🙏