भारत के पूर्व प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को प्रति वर्ष विश्व हिन्दी दिवस के रूप मनाये जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से भारतीय विदेश मंत्रालय ने विदेश में 10 जनवरी 2006 को पहली बार विश्व हिन्दी दिवस मनाया था।
भारत मे अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया और इसी निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है।
हिंदी दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य हिंदी भाषा के प्रयोग को प्रोत्साहन देना है। हिंदी, भाषा के रूप में कितनी समृद्ध है लोगों में इस बात की जागरूकता फैलाना भी इसका उद्देश्य है। युवाओं में हिंदी के प्रभाव को कम होता देख हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए हिंदी दिवस मनाया जाता है।भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिंदी का जनक कहा जाता है।
भारत में 22 भाषाएं और उनकी 72507 लिपी हैं। एक देश में इतनी सारी भाषाओं और विविधताओं के बीच हिंदी वह भाषा है जो हिंदुस्तान को जोड़ती है। भारत में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं। सभी राज्यों में बसे जनमानस को हिंदी के महत्व से जागरूक करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए भारत हिंदी दिवस मनाते हैं।
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद हुई। हालांकि इस दिन की नींव स्वतंत्रता दिवस से पहले 1949 को रख दी गई थी। उस वर्ष पहली बार 14 सितंबर के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपी में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की सरकार बनने पर 14 सितंबर को हिंदी दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया गया और पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए सभी सरकारी कार्यालयों में अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी भाषा का उपयोग होता है। हिंदी दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम और सेमिनार का आयोजन होता है, जहां हिंदी के महत्व पर वाद-विवाद होता है, साथ ही हिंदी के प्रति लोगों को प्रोत्साहित किया जाता है। इस दिन हिंदी से जुड़े लोगों को पुरस्कृत करते हैं।
मीनू 🙏 मेरे अल्फ़ाज़