भारतीय राजनीति में विपक्ष चाहे जितना हल्ला मचाए लेकिन सच तो यह है की 26 फरवरी 2019 को, भारतीय वायु सेना के बारह मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकवादी शिविर पर हमला किया।
भारतीय विदेश सचिव ने हवाई हमला को "गैर-सैन्य, पूर्वव्यापी हवाई हमला" कहा। भारतीय मीडिया ने बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 200 - 300 आतंकवादी मारे गए
भारतीय सेना ने सीमा पार जाकर पाकिस्तान में फल-फूल रहे आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया था। यह तारीख भारत की शौर्य गाथा में तभी से दर्ज हो गई। पाकिस्तान के खिलाफ यह अपनी तरह की पहली सर्जिकल स्ट्राइक (Surgical Strike) थी।
इसे सर्जिकल स्ट्राइक इसलिए कहा गया क्योंकि इसमें कोलेट्रल डैमेज नहीं के बराबर हुआ था।29-Sept-2022इस ऑपरेशन में 38-40 आतंकी मारे गए और उनके 4 कैंप तबाह हुए थे।
आर्मी के 125 पैरा कमांडोज ने PoK में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर इसे अंजाम दिया। 28 सितंबर की रात 12.30 बजे शुरू हुई स्ट्राइक तड़के 4.30 बजे तक 4 घंटे चली थी।
अब टारगेट पर 24 घंटे नजर रखी जाने लगी। अनमैन्ड एरियल व्हीकल स्पेशल फोर्स के हेडक्वार्टर तक लाइव फीड पहुंचा रहे थे। आतंकियों के लॉन्च पैड पर सर्जिकल स्ट्राइक का वक्त आ चुका था।
मेजर अवनीश और मेजर विनीत ने अपने सबसे काबिल सैनिक चुन लिए।28-Sept-2022वर्ष 2016 में बिपिन रावत भारतीय सेना के प्रमुख थे.
उस वक्त पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर आतंकवादी हमला कर दिया था. इससे पूरे देश में गुस्सा उबल पड़ा था. सरकार ने सेना को बदला लेने की खुली छूट दी और जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) ने सर्जिकल स्ट्राइक की रणनीति बनायी.
08-Dec-2021बीते 19 साल में कम से कम 9 बार भारतीय सेना ने एलओसी के पार जाकर ऑपरेशन्स को अंजाम दिया और पाकिस्तानी सेना को सबक सिखाया.
इस दौर में भारतीय सेना की ओर से एलओसी पार करने की पहली घटना मई 1998 में हुई. वहीं 29 सितंबर के हालिया सर्जिकल स्ट्राइक से पहले आखिरी बार अगस्त 2013 में भारतीय सेना ने एलओसी को पार किया था।
पाकिस्तानी मीडिया या पाकिस्तानी सरकार चाहे जितना चीख चीख कर चिल्लाए लेकिन सच तो उन्हें भी पता है और उसी सच के कारण कहीं ना कहीं उनकी हिम्मत पस्त हो रही है।
उनके नापाक बुलंद इरादे ध्वस्त हो रहे हैं।
मीनू की डायरी भाग दो 🙏