नई दिल्ली : लोग अपने घरों में मौजूद पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने की मुसीबत से बचने के लिए सरकार की उस योजना ला लाभ उठा रहे हैं जिसमे कहा गया है कि लोग अपने पुराने नोटों से बिजली के बिल, जनता संपत्ति कर, आवासीय कर और जल कर जैसे रकम चूका सकते हैं। आंकड़ों की माने तो जब से सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया है उसके बाद से देशभर के नगर निगम मालामाल हो गए हैं। देशभर के प्रमुख नगर निकायों की कमाई में हफ्तेभर में 46 गुना बढ़ गई है।
देश की राजधानी दिल्ली की नगर निगम की कमाई जहाँ इससे सात गुना बढ़ गई है वहीँ मुंबई, पटना, रायपुर, अहमदाबाद, रांची, कोलकाता, भोपाल, गुवाहाटी जैसे शहरों के नगर निकायों के राजस्व में भारी उछाल देखा गया है। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सामान्य दिनों में औसतन 20 लाख रुपये का राजस्व संपत्ति कर और अन्य शुल्कों से जमा होता है। लेकिन इन दिनों औसतन दो करोड़ से तीन करोड़ रुपये तक का राजस्व एकत्र हो रहा है। अधिकारियों की माने तो आगामी 24 तारीख तक और इजाफा होने की उम्मीद है।
गाजियाबाद नगर निगम की नोटबंदी से पहले प्रतिदिन औसतन कमाई 5 लाख थी जो अब बढ़कर 6 लाख हो गई है। गुजरात के आठ नगर निगमों ने तो 11-12 और 14 नवंबर को रिकॉर्ड 171 करोड़ रुपये जुटाकर सबको पीछे छोड़ दिया। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नोटबंदी के फैसले के बाद तीन दिन में छह करोड़ संपत्ति कर जमा हुआ है।