नई दिल्ली : पैसों की किल्लत ने देश की आर्थिक तानेबाने को तोड़ कर रख दिया है। ख़बरों की माने तो पैसे निकालने की जद्दोजहद से जुड़े मामलों में अब तक 40 लोगों की मौत की खबर है। ऐसी घटनाओं में उत्तर प्रदेश में 11 लोगों की मौत हुई है। इनमें से अधिकांश मौतें दिल का दौरा पड़ने से हुई हैं जबकि दो लोगों ने आत्महत्या की है।
असम, मध्य प्रदेश, झारखंड और गुजरात में नोटबंदी के असर की वजह से तीन-तीन लोगों की मौत हुई है जबकि तेलंगाना, बिहार, मुंबई, केरल और कर्नाटक में दो-दो लोगों की जान गई है। जबकि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में कुल मिलाकर सात लोगों की मौत नोटबंदी से जोड़ी जा रही हैं।
ताजा घटना क्रम में बैंक ऑफ इंडिया की हमदर्द दवा खाना लालकुआं स्थित शाखा के बाहर लाइन में लगे सउद-उर रहमान (48) की बुधवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। लोकनायक अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि नोटबंदी के कारण घर में खाने की किल्लत थी और मृतक नोट निकलवाने के लिए तीन दिन से लाइन में लग रहे थे।
एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के बलिया में एक व्यक्ति की दिल का दौर पड़ने से मौत हो गई। घर वालों का कहना है कि वह बेटी की शादी के लिए तिलक के लिए पैसे बैंक से नही निकाल पाया।