नवदुर्गा – सप्तम नवरात्र –देवी के कालरात्रि रूप की उपासनात्रैलोक्यमेतदखिलं रिपुनाशनेन त्रातंसमरमूर्धनि तेSपि हत्वा ।नीता दिवं रिपुगणाभयमप्यपास्तमस्माकमुन्मदसुरारि भवन्न्मस्ते ।।देवी का सातवाँ रूप कालरात्रि है | सबका अन्त करने वाले कालकी भी रात्रि अर्थात् विनाशिका होने के कारण इनका नाम कालरात्रि है |
नवदुर्गा – पञ्चम नवरात्र – देवीके स्कन्दमाता रूप की उपासना सौम्या सौम्यतराशेष सौम्येभ्यस्त्वतिसुन्दरी, परापराणां परमा त्वमेव परमेश्वरी |पञ्चमस्कन्दमातेति – देवी का पञ्चम स्वरूप स्कन्दमाता के रूप में जाना जाता है औरनवरात्र के पाँचवें दिन माँ दुर्गा के इसी स्वरूप की उपासना की जाती है। कुमारकार्तिकेय क
नवदुर्गा - चतुर्थ नवरात्र – देवी केकूष्माण्डा रूप की उपासनाया देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यैनमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः |आज चतुर्थनवरात्र है - चतुर्थी तिथि – माँ भगवती के कूष्माण्डा रूप की उपासना का दिन | इसदिन कूष्माण्डा देवी की पूजा अर्चना की जाती है | बहुत से स्थानों पर इसी दिन स
नवदुर्गा – तृतीय नवरात्र- देवी के शैलपुत्री रूप की उपासनादेव्या यया ततमिदं जगदात्मशक्त्या,निश्शेषदेवगणशक्तिसमूहमूर्त्या |तामम्बिकामखिलदेवमहर्षिपूज्यां भक्त्यानताः स्म विदधातु शुभानि सा नः ||आज चैत्र शुक्ल तृतीया है – तीसरा नवरात्र - देवी केचन्द्रघंटा रूप की उपासना का दिन | चन्द्रःघंटायां यस्याः सा च
नवदुर्गा – द्वितीयनवरात्र - देवी के शैलपुत्री रूप की उपासनाचैत्र शुक्ल द्वितीया– दूसरा नवरात्र – माँ भगवती के दूसरे रूप की उपासना का दिन | देवी का दूसरा रूप ब्रह्मचारिणी का है – ब्रह्मचारयितुं शीलं यस्याः सा ब्रह्मचारिणी – अर्थात् ब्रह्मस्वरूप की प्राप्ति करना जिसका स्वभाव हो वह ब्रह्मचारिणी |यह देव
प्रथम नवरात्र - देवी के शैलपुत्री रूपकी उपासनाआज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से कलश स्थापना के साथही वासन्तिक नवरात्रों का आरम्भ हो चुका है... भारतीयदर्शन की “प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं” की उदात्त भावना के साथ सर्वप्रथम सभीको साम्वत्सरिक नवरात्रों की हार्दिक शुभकामनाएँ...आज प्रथम नवरात्र को देवी के शैल
नवरात्र 2019 की तिथियाँकल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से घट स्थापना तथा माँदुर्गा के प्रथम स्वरूप “शैलपुत्री” की उपासना के साथ ही चैत्र नवरात्र यावासन्तिक नवरात्र या साम्वत्सरिक नवरात्र के रूप में माँ भवानी के नवरूपों की पूजाअर्चना आरम्भ हो जाएगी | यों प्रतिपदा का आरम्भ आज दिन में दो बजकर इक्कीस मिनट के लग
साम्वत्सरिक नवरात्र 2019सर्वमंगल मांगल्ये शिवेसर्वार्थसाधिके, शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोSस्तु ते |शनिवार 6 अप्रेल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से परिधावीनामक विक्रम सम्वत 2076 आरम्भ होने जा रहा है | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही विकारीनामक शक सम्वत 1941 भी आरम्भ हो रहा है | शुक्रवार पाँच अप्रेल को अपराह
इमेज कॉपीरइटFACEBOOK @SANJEEV.K.SINHAफ़ेसबुक पर मैंने लिखा, "रमजान का महीना आज से शुरू हो गया है. मैंने भी 30 दिनों के लिए रोजा रखना तय किया है."लिखते ही यह पोस्ट वायरल होने लगा लेकिन इस पर जो टिप्पणियां आईं, उससे मन व्यथित हो गया.कुछ ने इसे अच्छा बताया तो कुछ ने असहमतियां जाहिर कीं, यहां तक तो ठीक
पृथ्वी सूर्य कि परिक्रमा एक निश्चित अवधि में करती है और एक निर्धारित कक्ष में ही करती है । पृथ्वी का कक्ष एक दीर्घवृत्त (ellipse) जबकि सूर्य उसके एक केंद्र पर होता है । जब पृथ्वी सूर्य के अधिक पास होती है तो यहाँ ग्रीष्म ऋतु होती है और जब दूर तो शरद ऋतु । अब जब ऋतुओं में बदलाव होता यानि सूर्य के दू