पटना: बिहार में शराबबंदी के बाद बिहार की अर्थव्यवस्था को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जहां एक तरफ शराब की बिक्री पर मिलने वाला टैक्स का पैसा आना बंद हो चुका है वहीं दूसरी तरफ नीतीश की शराबबंदी बिहार आने वाले सैलानियों को भी रास नहीं आ रही है. आंकड़ों की माने तो शराबबंदी के बाद बिहार आने वाले सैलानियों की संख्या में 21 लाख की कमी आई है. सैलानियों की इस घटती संख्यां ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है.
पर्यटकों में आई भारी कमी
पर्यटन निदेशालय से मिले आंकड़ों की माने तो प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी का जबरदस्त नाकारात्मक असर पड़ा है. आंकड़ों की माने तो सिर्फ पिछले दो महीने में ही शराबबंदी ने 21 लाख पर्यटकों का मुक्सान करा दिया है. जानकारों की माने तो बिहार को पर्यटन के क्षेत्र में इतना बड़ा घाटा बौध गया में हुए बम ब्लास्ट के बाद भी नहीं लगा था.
सरकार की बढ़ी मुश्किलें
आंकड़ों के मुताबिक 2015 के जून महीने में बिहार में 6 लाख 43 हजार 692 पर्यटक आए, जबकि जुलाई 2015 में ये संख्या 28 लाख 64 हजार 826 तक जा पहुंची. अब अगर 2016 की बात करें तो जून में बिहार में 8 लाख 11 हजार 799 पर्यटक आए, जबकि जुलाई में ये संख्या महज 15 लाख 51 हजार 863 तक ही जाकर सिमट गई. जाहीर सी बात है लगातार घट रहे पर्यटकों के आंकड़ों ने सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें ला दी है.
राजगीर को सबसे ज्यादा नुकसान
सबसे ज्यादा पर्यटकों का नुकसान राजगीर को हुआ है. जहां बीते साल जून-जुलाई में करीब 20 लाख से ज्यादा पर्य़टक आए थे वहीं इस साल ये संख्यां घट कर सीधे डेढ़ लाख पर आ गई है. इससे पहले इतनी गिराबट कभी नहीं देखी गई थी. जब बौध गया में बम ब्लास्ट हुए थे उस वक्त भी महज 3 लाख पर्यटकों की गिराबट हुई थी लेकिन सीधे 21 लाख पर्यटकों का नुकसान ने बिहार की आमदनी पर बुरा असर डाला है.