नई दिल्लीः नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने कालाधन रोकने के लिए एक और अहम कदम उठाया है। सरकार प्लास्टिक करेंसी छापने जा रही है। संसद में एक सवाल के जवाब में वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक या पॉलीमर सब्सट्रेट से प्लास्टिक के नोटों की छपाई का फैसला हुआ है। शुरुआत हो चुकी है।
पांच साल तक चलते हैं प्लास्टिक नोट
प्लास्टिक नोटों करीब पांच साल तक प्रचलन में रहता है। इस नोट की खासियत है कि इसकी स्कैनिंग कर जाली नोट बनाना संभव नहीं है। कागजी नोट की तुलना में ज्यादा पारदर्शी होते हैं। आस्ट्रेलिया में पहली बार जारी मुद्रा से निपटने के लिए प्लास्टिक नोट छापने का फैसला किया गया था।
एक अरब रुपये के छपेंगे नोट
गौरतलब है कि फरवरी 2014 में सरकार ने संसद को जानकारी दी थी कि 10 रुपये के नोट के रूप में 1 अरब रुपये के प्लास्टिक नोट छापे जाएंगे. ट्रायल के लिए इन्हें पांच शहरों, कोच्चि, मैसूर, जयपुर, शिमला और भुवनेश्वर में चलाया जाएगा.
अब मोदी सरकार प्लास्टिक करेंसी की इस योजना को हकीकत बनाने जा रही है।