नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद चारों तरफ जहां पीएम मोदी की जय-जय कार होती दिख रही है वहीँ यूपी में मोदी की कालेधन पर की गयीं सर्जिकल स्ट्राइक ने बीजेपी की यूपी में चुनावी हवा का रुख बदल दिया है. लंबे समय से यूपी की राजनीति से बाहर चल रही पार्टी की हवा का रुख अब शहर ही नहीं ग्रामीण अंचलों में भी बदला हुआ दिख रहा है. जिसको लेकर बसपा ही नहीं सपा भी परेशान है.
दलित और पिछड़े भी कर रहे हैं मोदी की वा -वाही
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद यूपी के आगरा में हुई बीजेपी की रैली हो या मुरादाबाद की दोनों में जनता पीएम मोदी का भाषण सुनने के लिए शहर ही नहीं गांवों में रहने वाले दलित और पिछड़े तक उनका भाषण सुनने के लिए आये. जिसके चलते अन्य दलों के मुखियाओं की रातों की नींद उड़ गयीं है. बताया जाता है कि विकास के मुद्दे को लेकर विधानसभा चुनाव में जनता के बीच वोट मांगने निकले सीएम अखिलेश ने भले ही सूबे की जनता को कई बड़े उपहार विकास के रूप में निर्माण कराकर दे दिए हों. बावजूद इसके जनता मोदी-मोदी करते हुए दिखाई दे रही है.
यूपी में लहर बदली बीजेपी की ओर
और तो और पीएम मोदी की चारों तरफ हो रही इस जय-जयकार को लेकर अब अन्य पार्टियों से विधायक का चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांगने वाले नेता भी अब बीजेपी से ही टिकट चुनाव लड़ने के लिए मांगते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते बीजेपी में भीड़ जमा हो गयीं है. आलम यह है कि पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल हों या अन्य पदाधिकारियों के कार्यालय हों, इस भीड़ को देखते हुए लखनऊ के बीजेपी मुख्यालय की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है.
सपा कोसों दूर हुई बीजेपी से
फिलहाल बीजेपी कार्यालय में इन दिनों पहरेदारी और चौकसी आने वाली भीड़ को देखते हुए बढ़ा दी गयीं है. जिसके चलते बीजेपी मुख्यालय पर करीब दर्जन भर प्राइवेट गार्ड तैनात कर दिए गए हैं. बहरहाल यूपी के बहराइच जिले में होने वाली पीएम मोदी की रैली में भी भरी भीड़ जुटने की संभावना इन दोनों रैलियों के बाद और बाद गयीं है. राजनीति के जानकारों कि मानें तो मायावती नोटबंदी से वैसे ही चारों खाने चित हो गयीं है और सपा विकास के बाद भी मोदी की इस कार्यवाही से कोसों दूर हो गयीं है.