कोई है...
अब तलक मेरे खयालात में,
जिसे ढूंढती है यह नज़र
यादों के सवालात में,
ऐसी खता क्या हुई जो तुम,
अजनबी से हो गए।
मुझे चाहिए जवाब...
दिल के अदालत में।।
आंचल सोनी 'हिया'
30 सितम्बर 2021
कोई है...
अब तलक मेरे खयालात में,
जिसे ढूंढती है यह नज़र
यादों के सवालात में,
ऐसी खता क्या हुई जो तुम,
अजनबी से हो गए।
मुझे चाहिए जवाब...
दिल के अदालत में।।
आंचल सोनी 'हिया'
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मैं उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिले से हूं। शब्दों को बुनना मुझे बेहद पसंद है। मेरी कुछ रचनाएं हिंदी कुंज, साहित्य कुंज व साहित्य सुधा नामक मासिक ई पत्रीका में प्रकाशित है। साथ ही कविता संग्रह की एक पुस्तक 'एक मिलन अल्फ़ाज़ों का' भी पेपर बैक में प्रकाशित है। हालांकी मैं एक लेखिका से पहले पाठिका हूं। आज तक जितना लिख पायी हूं, उससे कहीं ज्यादा पढ़ पायी हूं। वर्तमान में मैं बीएड की छात्रा और एक उपन्यास पर कार्यरत हूं। (*^^*) मैं हमेसा एक लेखक से ज्यादा पाठक और उनकी समिक्षा की पक्षधर हूं।(*˘︶˘*).。.:*♡ अगर मुझे पढ़ने वाले कुछ खास लोगों में से एक आप भी हैं, तो आपका हृदय तल से बहुत आभार।Σ(´∀`;)💐🙏D
बहुत सुंदर 👌👌👌😊😊
1 अक्टूबर 2021