नई दिल्ली: महिला पहलवान विनेश फौगाट ने हारे हुए खिलाड़ियों के प्रति खेल मंत्रालय की उदासीनता के बारे में बता कर सरकार के दावों की हवा निकाल दी है. ओलंपिक में देश के लिए मेडल जितने का सपना लिए विनेश जब रियों में कुश्ती के दांव आजमा रही थी तभी बाउट के दौरान ही उनके लिगामेंट में चोट लग गई थी. चोट लगने के बाद विनेश गेम से नॉक ऑउट हो गई थी. हलांकि गेम से ऑउट होने के बाद तो सिर्फ विनेश का सपना ही टूटा था लेकिन उसके बाद खेल मंत्रालय ने जो किया उसने विनेश के हौसले को तोड़ने का काम किया है. दरअसल इलाज के लिए विनेश को मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पीटल में एडमिट किया गया था. जहां उनका सफल ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद अब विनेश अपने गांव वापस लौट आईं हैं लेकिन सरकार का कोई नुमाइंदा यहां विनेश का हाल पूछने नहीं पहुंचा।
खेल मंत्रालय ने नहीं उठाया इलाज का खर्च
चोट लगने के बाद स्पोर्टस ऑथॉरिटी के लिए खिलाड़ियों की कितनी वेल्यू रह जाती है इसकी एक बानगी पेश की इस मामले में देखने को मिली है. विनेश फौगाट के लिगामेंट के इलाज का सारा खर्चा JSW ने उठाया. विनेश को इस बात का मलाल है कि खेलमंत्री ने वादा किया था कि इलाज का खर्चा सरकार उठाएगी लेकिन अभी तक कोई पूछने तक नहीं आया कि इलाज कैसा चल रहा है ?
हारे हुए खिलाड़ी को कोई नहीं पूछता
विनेश बहुत ही मायुशी के साथ ये कहती हैं कि इस देश में हमेशा से यही होता आया है. हारे हुए खिलाड़ी को कोई नहीं पूछता. गेम जीतने के बाद तो वावाही लूटने के लिए सरकारें खूब दिखावा करती हैं लेकिन हारने के बाद ये तक नहीं पूछा जाता कि आखिर हार की वजह क्या थी. विनेश आगे कहती हैं कि उन्हे सरकार से उम्मीद भी नहीं थी की हारने के बाद वो उनका हाल जानने के की कोशिश भी करेगी. लेकिन इस सब के बीच विनेश उदास मन से ये जरूर कहती है कि 'मैं हारी नहीं थी, मैं जख्मी होकर गेम से ऑउट हुई थी'