नई दिल्लीः हैंडसम हंक। मोस्ट गुडलुकिंग हीरो, मोस्ट हैंडसम विलेन। चहेतों के बीच ऐसे तमाम नामों से चर्चित विनोद खन्ना एक समय फिल्मी करियर के पीक पर थे। वो ऐसा लमहा था, जब एंग्री यंग मैन अमिताभ बच्चन धर्मेंद्र और राजेश खन्ना को बीट कर नंबर वन बनने की तरफ थे, मगर उन्हें चुनौती दे रहे थे तो सिर्फ हैंडसम हंक विनोद खन्ना। मगर एक फैसले ने न केवल बॉलीवुड को बल्कि उनके प्रशंसकों को चौंका दिया। यह फैसला था विनोद खन्ना की मायानगरी की रंगीनियां छोड़कर सन्यासी बनने का। पांच साल तक फिल्मी दुनिया से विनोद खन्ना दूर हुए तो अमिताभ बच्चन को खाली मैदान मिल गया। नतीजा रहा कि बॉलीवुड में अमिताभ बच्चन को अब दूर-दूर तक टक्कर देने वाला कोई नहीं रह गया। कहा जाता है कि अगर उस वक्त विनोद खन्ना ने फिल्मी दुनिया न छोड़ी होती तो आज अमिताभ बच्चन से भी कहीं वे आगे होते। जवानी के दौर में प्रतिद्वंदी होने के बाद भी अमिताभ से उनकी काफी नजदीकियां रहीं। यही वजह रही कि गुरुवार को जब विनोद खन्ना के निधन की खबर आई तो सरकार-तीन फिल्म का इंटरव्यू बीच में छोड़कर अमिताभ बच्चन अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।
यूं मिला कुर्बानी में रोल
1980 की सबसे सुपरहिट फिल्म साबित हुई कुर्बानी। बहुत कम लोग जानते हैं कि पहले फिरोज खान इस फिल्म में अमिताभ बच्चन को साइन करना चाहते थे। मगर, उस वक्त अमिताभ ने दूसरी फिल्मों में व्यस्तता का हवाला देते हुए छह महीने का समय मांगा। चूंकि उस वक्त फिरोज खान ने यूके के सबसे बडे़ स्टंट डायरेक्टर जेम्स डोडाल से टाइअप कर रखा था, इस नाते उनके पास फिल्म को छह महीने रोकने का समय नहीं था। लिहाजा कुर्बानी फिल्म में उन्होंने हैंडसम हंक विनोद खन्ना को ले लिया। यह फिल्म तब सुपरहिट साबित हुई तहलका मच गया। जिसके बाद विनोद खन्ना की छवि सुपरस्टार की बन गई। इस फिल्म का गाना-आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आया...खूब सराहा गया।
सिक्के उछलते थे स्क्रीन पर
अमिताभ बच्चन से विनोद खन्ना चार साल छोटे थे। कम उम्र का होना विनोद खन्ना के लिए प्लस प्वाइंट होता था। वहीं उस दौर के डांसिंग ब्वॉय जितेंद्र कुमार कम हाइट के चलते विनोद को टक्कर नहीं दे पाते थे। इन सबके बीच विनोद खन्ना की पर्सनैलिटी बहुत चार्मिंग थी। कद-काठी से लेकर फेस कटिंग सब बेमिसाल था। अमर-अकबर-एंथेनी जैसी मल्टीस्टारर फिल्म में खन्ना ने जबर्दस्त अभिनय की छाप छोड़ी। विनोद खन्ना के प्रति ऐसी दीवानगी थी कि - हम तुम्हें चाहते हैं ऐसे...गाना जब सिनेमाघरों में चलता था तो स्क्रीन पर फैंस सिक्कों की बौछार करते थे।
भगवा चोला पहनने पर पत्नी ने तोड़ लिया नाता
विनोद पहले से पुणे स्थित ओशो के आश्रम जाते थे। फिर 1975 में मायानगरी से दिल रुठा तो रंगीन दुनिया छोड़कर अमेरिका चले गए। वहां ओशो के आश्रम में विनोद खन्ना ने बर्तन धोने से लेकर माली का काम करने से गुरेज नहीं किया। फकीरी में सुख खोजने लगे। सब ऐशोआराम की सारी चीजें करीबियों में बांट दी। पांच साल बाद फिर उनका दिमाग ओशो की अध्यात्मिक दुनिया से रूठा तो वे वापस भारत लौटे। तब तक कॉलेज लाइफ में अफेयर के बाद शादी करने वाली गीतांजली इस कदर रूठी कि उन्होंने विनोद खन्ना से तलाक ले लिया। फिर विनोद खन्ना ने फिल्मों में वापसी भी की, मगर पुरानी लोकप्रियता अर्जित नहीं कर सके।