कमलेश कुमार एक बड़े उद्योगपति थे ,पर उन्हे नींद नही आती थी और हमेशा बैचेनी थी बहुत इलाज करने के बाद भी वह ठीक नहीं हुआ तो ,वह एक ज्योतिषी के पास गए जहां पर ज्योतिषी उन्हे अपने कर्मो के प्रायश्चित करने को कहता है ,!!
एक बच्चे का माता-पिता होना अपने आप में एक बेहद खास अनुभव है। जैसे ही एक औरत गर्भ धारण करती है वैसे ही परवरिश की यात्रा शुरू हो जाती हैं। आपके परिवार में भी आपकी नानी,दादी, मां आदि जैसे कई अनुभवी लोग होंगे जो आपको कदम कदम पर सलाह देते होंगे। काफी हद त
यह पुस्तक में आप और आप से जुड़े लोगो की स्मृतियों को पुनः स्मरण और उनके विचारो को अनुकरण करने के लिए प्रेरित करेगा . आप के लेख आँखों ओझल हुए लोगो को अपने दिल और दिमाग से याद करके पुनः जीवित व श्रद्धांजलि देगी
इस कहानी में एक लड़के की बात की गई है जिसका नाम जीगर है। ये कहानी गुजरात राज्य के एक छोटे से गाँव की है जिसकी वस्ति करीब पाँच हजार की है। इस कहानी का मुख्य पात्र जीगर जिसका सोचना है कि लड़के कुछ भी करे चलेगा लेकिन लड़कियाँ दूध सी धुली होनी चाहिए। जीगर
मां के अपने बच्चो के लिए जो संघर्ष करती है,,,उनको पालना और उनको बड़ा करना ,उनके लिए अपने दुख दर्द भूल कर बच्चो का खयाल रखना ये सब बस एक मां ही करती है,,
माँ और बच्चे का संबंध बहुत ही सहजनीय होता है। सभी रिश्तों में से ज्यादा माँ, और बच्चे का रिश्ता गहरा होता है। और नौं महीने ज्यादा गहरा होता क्योंकि वो बच्चा माँ की कोख में पल रहा होता है।
एक व्यक्ति था जो बहुत गरीब था और इसका दो बाल बच्चे थे लेकिन जयपुर बाहर गए कमाने के लिए तो फिर आएं लेकिन उसकी पत्नी ने उसी कुछ खिला पिला दिया जिससे उसका दिमाग पागल की तरह करने लगा और उसके ससुराल वाले उसे बहुत पीटा मारे
एक बगल कि पड़ोसी कि गलती और हो गया जो नहीं होना चाहिए।
इस किताब में या दर्शाया गया है की अगर हम एक साथ मिलकर किसी काम को करते हैं तो उसमें हमें तरक्की मिलती है और हम आगे कामयाब होते हैं।
ये किताब एक ऐसे परिवार के बारे में है जो परिवार तो था लेकिन एक असफल परिवार जिसके पास खुश रहने के लिए सभी साधन थे ।फिर भी कुछ लोगों की जिम्मेदारी ना निभाने के कारण पूरे परिवार की जिंदगी बर्बाद हो गई । इस कहानी में ऐसे ऐसे मोड़ है जो शायद आप को कुछ स
ये कहानी मेरा दोस्त की है जो मै आपको सुना रहा है मेरा दोस्त का नाम विशाल है। विशाल एक बहुत ही हिम्मत वाला लड़का होता है वो हर मुश्किल को आसानी से हैंडल कर देता है विशाल की मम्मी पापा की पिछले साल कार दुर्घटना में मौत हो गई है ओर वो अकेला ही रहता है
ऐसी क्यों होती है माँ बच्चो को चुपाये खुद रोती है माँ बच्चो को सूखे में सुलाये खुद गीले में सोती है माँ जिंदगी की माला को अश्को से पिरोती है माँ ऐसी क्यों होती है माँ जिंदगी के हर गम को छिपाती है माँ ममता की नदियां बहाती है माँ सबसे अनमोल होत
न तेरा न मेरा बस सांसों के साथ रंगमंच में बसेरा.......
पापा से मेरा संसार पापा से मेरा अधिकार ईश्वर का रूप माता पिता दुनिया में यहि स्वीकार पापा जीवन की आधार माँ की ममता अगम अपार जीवन की हर रुप में माता पिता ही घर संसार खुशी के चमन खिलायें भले अपने मुर्छीत हो जाये लाख मुशीबत आये लेकिन घर से सभी दर्द
पितृ दिवस को लेकर हम सभी जानतें हैं कि पिता परिवार का मुखिया और संरक्षण करने वाला होता है अपनी इच्छा को भूल कर वह जीवन भर अपने बच्चों की इच्छा और अपने अच्छा जीवन देने के अपने सपने भी भूल जाता है।और अपने परिवार और बच्चों के लिए मेहनत और मजदूरों की त
सच तो जीवन में नीली छतरी वाला है आओ आज हम नीली छतरी वाला उसे ईश्वर भी कहते हैं और हम सभी बचपन से जवानी और बुढ़ापे में उसे नीली छतरी वाले को ही याद करते हैं क्या सच है कि छतरी वाला है। इस विषय के लिए तो हमें एक कहानी पढ़नी होगी और कहानी को हम पढ़कर अ
प्रेम, रोमांच, हॉरर ऒर प्रेरणा से भरी कहानियों की किताब
नमस्कार! मैं सुचेता अपनी पहली कहानी लिख रही हूँ। यह कहानी पूर्णतः काल्पनिक है। यह कहानी है एक बेटे की जिसे कभी अपनी माँ का प्यार नहीं मिला। कभी कभी हमारी इच्छायें हमे अपनों से दूर कर देती हैं। यही इस कहानी का सार है। आशा करती हूँ कि आपको मेरी