पापा से मेरा संसार पापा से मेरा अधिकार ईश्वर का रूप माता पिता दुनिया में यहि स्वीकार पापा जीवन की आधार माँ की ममता अगम अपार जीवन की हर रुप में माता पिता ही घर संसार खुशी के चमन खिलायें भले अपने मुर्छीत हो जाये लाख मुशीबत आये लेकिन घर से सभी दर्द छिपाये अंगुली पकडकर चलना सिखाया दुनिया के खोखली रित सिखाया हर लम्हे हर वक्त देकर जिंदगी मे चलना सिखाया पापा प्रमात्मा की वरदान खुशीयां देने के लिए रिझाया भले ही चेहरे पर न हो मुसकान पापा मेरे लिए वरदान चरण छुई करू प्रणाम माता पिता के चरणों मे ही चारो धाम हैप्पी पापा फादर डे चरण स्पर्श कवि -क्रान्तिराज बिहारी दिनांक-18-06-23