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पहला प्यार

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लिखना भी तो, क्या लिखना है? कहना भी तो, क्या कहना है? खलिश है रहती,  हर पल मन में, मिल भी ले तो, क्या कहना है? खत लिखता हूँ,  लिख लेता हूँ, और उसे फिर,  मोड़ माडकर, बक्शे में कहीं, रख दे

प्रस्तावना मैं विश्वाश नहीं कर पा रहा हूं कि रोहित अब इस दुनिया में नहीं है__  आंखे बंद करता हूं तो रोहित मुस्कुराता हुआ नज़र आता है।  वो सारे पल याद आने लगते हैं जो हमने साथ में गुजारे थे __      यही

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