नई दिल्ली: यूं तो सिवील सेवा की परीक्षा का जब रिजल्ट आता है तो उसमें बिहार और उत्तर प्रदेश के बच्चों का जलवा हर साल ही देखने को मिलता है. लेकिन उत्तर प्रदेश के जौनपुर जीलें में एक ऐसा गांव हैं जहां के हर घर में आईएएस अधिकारी हैं. महज 75 घरों के इस छोटे से माधो पट्टी गांव में आईएएस और पीसीएस की भरमार है. इस गांव के बारे में लोग कहने लगे हैं कि यहां की मिट्टी में कुछ जादू है. जहां से सिर्फ अधिकारी ही पैदा होते हैं.
गांव के नाम है अनुठा रिकार्ड
इस गांव के नाम एक अनूठा रिकॉर्ड भी है. इस गांव में एक परिवार ऐसा भी है, जिसने देश को 4 आईएएस अधिकारी दिए और वो चारों भाई हैं. चारों के नाम विनय कुमार सिंह, छत्रपाल सिंह, अजय कुमार सिंह और शशिकांत सिंह है। विनय कुमार सिंह को 1955 में आइएएस के रूप में चयनित किया गया था और बिहार के मुख्य सचिव के पद पर भी रहे.
गांव में पीसीएस की भी है भरमार
ऐसा नहीं है कि इस गांव में सिर्फ आईएएस ही हैं. दरअसल इस गांव में कई ऐसे लोग भी हैं जो आईएएस की परीक्षा पास नहीं कर पाते. लेकिन अधिकारी बनने का सपना उनके हौसलों को दम भरता है. शायद यही वजह है कि इस गांव में पीसीएस की भी भरमार है.