नई दिल्ली: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हिन्दुओं के लिए नर्क बन चुका है पाकिस्तान की राजधानी में ऐसी कोई जगह नहीं, जहां हिंदू अपने धार्मिक समागम आयोजित कर सकें। वहां एक प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, लेकिन हिंदुओं को वहां पूजा-अर्चना करने की इजाजत नहीं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में गुरुवार को तहरीक-ए-इंसाफ के मैंबर लाल चंद मल्ही ने ‘नेशनल मायनोरिटी डे’ पर राम मंदिर को हिंदू परिवारों के हवाले किए जाने की मांग को उठाते हुए पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि इस्लामाबाद रह रहे लगभग साढ़े आठ सौ हिंदूओ को राम मंदिर मे जाने का अधिकार मिलना चाहिए।
धर्मशाला को किया जा रहा टॉयलेट की तरह इस्तेमाल
हाल ही में इस्लामाबाद में मंदिर की धर्मशाला को पब्लिक टायलेट के रूप में इस्तेमाल करने के बाद काफी हंगामा हुआ था। वहां के हिन्दू संगठनो ने सरकार से हस्पक्षेपकी मांग की थी बता दें सैदपुर के इस राम मंदिर का निर्माण 1580 के आसपास राजा मान सिंह ने कराया था। मंदिर के साथ यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला भी बनाई गई, मगर इस धर्मशाला का कई सालों से पब्लिक टायलेट के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
इससे पहले भी तोड़े गए थे मंदिर
कुछ महीने पहले भी इस्लामाबाद में मंदिरों को तोड़ कर मॉल बनाए गए थे। साल ही शुरुआत में भी इस्लामाबाद में दो मंदिरों को तोड़ कर टूरिस्ट प्लेस बनाने की खबर थी। रावलपिंडी में भी एक मंदिर को मॉल बनाया जा रहा है। और तो और श्मशान घाटों को भी नहीं बख्शा जा रहा है। श्मशान की जमीन पर कब्जा करके रेस्टोरेंट बनाए जा रहे हैं। हिंदुओं पर ये जुल्म पाकिस्तान की हुकूमत की नाक के नीचे हो रहा है। लेकिन सरकार इसे रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही।
खामोश है पाकिस्तान की सरकार
हिंदुओं पर हो रहे इन अत्याचारों का खुलासा पाकिस्तान के टीवी चैनलों से हुआ है। जहां इस मुद्दे पर बहस हो रही है. आपको बता दें, पाकिस्तान में हिंदुओं के मंदिर में लोग चप्पल जूते पहन कर घुस जाते हैं। कोई उन्हें रोकता नहीं है। हिंदू इसलिए नहीं रोक पाते क्योंकि वो अल्पसंख्यक हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हिंदुओं के साथ ये घोर अन्याय हो रहा है। सोचिए दूर दराज के शहरों में क्या क्या जुल्म होते होंगे। लेकिन पाकिस्तान की किसी हुकूमत ने हिंदुओं का हक दिलवाने की कोशिश नहीं की। उल्टा अब पूजा पाठ का हक भी छीना जा रहा है। पाकिस्तान की सरकार इस मामले में कोई कदम नहीं उठा रही।
पाकिस्तान में कैसे हैं हिंदुओं के हालात
पाकिस्तान के नेशनल कमिशन फॉर जस्टिस एंड पीस की रिपोर्ट के मुताबिक, 74 प्रतिशत हिन्दू महिलाएं यौन शोषण का शिकार होती हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सिंध प्रान्त में हर महीने 20 से 25 हिन्दू लड़कियों का अपहरण होता है। हिंदू लड़कियों का धर्म परिवर्तन हो रहा है। सड़कों पर हिंदुओं के साथ जुल्म होता है और संसद के अंदर हिंदुओं का मजाक उड़ाया जाता है। ऐसा ही मजाक उड़ाए जाने से पाकिस्तान के हिंदू सांसद के सब्र का बांध टूट गया।
पांच हजार हिंदू छोड़ चुके हैं अपना घर
पाकिस्तान के जुल्मों से तंग आकर हिंदू पलायन कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल करीब पांच हजार हिंदू अपना घर छोड़ने को मजबूर हैं। मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, पिछले पचास सालों में पाकिस्तान में बसे नब्बे प्रतिशत हिंदू देश छोड़ चुके हैं और जो अपने घर में ही रहना चाहते हैं उनका जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है।