नई दिल्ली : मोदी सरकार के पांच साल ख़त्म होने में अब मात्र 2 साल बचे हैं इसलिए सरकार चाहती है कि अपने पांच साल पूरे होने से पहले वह इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल करे। वर्तमान में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार ऐसी ही पांच परियोजनाओं पर कड़ी मेहनत कर रही है। यह परियोजनाएं इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में सरकार के लिए बड़ी उपलब्धियां हो सकती हैं। सड़क और रेलवे से जुडी इन परियोजनाओं के लिए सरकार समयसीमा तय कर चुकी है।
चार धाम महामार्ग विकास विकास परियोजना
इस परियोजना के तहत सरकार उत्तराखंड में लगभग 900 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रही है। इस परियोजना पर 12,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत खर्च होगी। इस परियोजना का उद्देश्य 2018 तक चार धाम केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को जोड़ना है। इस परियोजना के तहत सड़क मंत्रालय बाईपास, पुल, सुरंगों को बनाने के साथ साथ सडकों को भूस्खलन से निपटने के लिए तैयार कर रहा है।
पेरिफेरल एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट को 400 दिनों में पूरा करने ले निर्देश दिए हैं। पेरिफेरल एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट पूरी तरह दिल्ली को घेरेगा। जिससे कि ट्रको का दिल्ली से होकर गुजरने का रास्ता बंद हो जाएगा. सरकार को स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त के दिन इस प्रोजेक्ट के उद्घाटन की उम्मीद भी है. नितिन गडकरी के अनुसार 270 किलोमीटर परिधि यानि घेरे वाले इस 6 लेन एक्सप्रेस वे की चौड़ाई 100 मीटर होगी। इस प्रोजेक्ट पर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत लगेगी।
हबीबगंज स्टेशन पुन: विकास मध्यप्रदेश में हबीबगंज रेलवे स्टेशन देश का पहला स्टेशन है जिसे 450 करोड़ रुपये की लागत से पुन: विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत रेलवे स्टेशन को बेहद आधुनिक बनाया जायेगा। इसके तहत यहाँ लिफ्ट, एस्केलेटर, ट्रैवेलर्स और सबवेज़ स्टेशन परअलग-अलग आगमन और प्रस्थान बनाये जायेंगे।
स्टेशन अपने परिसर में सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा इस स्टेशन का प्रबंधन 1 मार्च को एक निजी फर्म को सौंप दिया गया था और वह तीन साल के भीतर इस परियोजना को पूरा करने वाले हैं। सरकार इस परियोजना को देशभर के 400 रेलवे स्टेशनों में से एनडीए सरकार की परियोजना के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित करना चाहती है।
चिनाब ब्रिज
जम्मू-कश्मीर की चिनाब नदी पर यह ब्रिज बनाया जा रहा है। चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल है, जिसके एफिल टॉवर से 35 मीटर लंबा लम्बे होने की उम्मीद है। इस परियोजना पर लगभग 1,100 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। यह पुल 2009 में पूरा किया जाना था लेकिन कुछ सुरक्षा और स्थिरता के कारण इसका निर्माण रद्द कर दिया गया था। 2010 से इसका पुनर्निर्माण शुरू हुआ और वर्तमान सरकार चाहता है कि इसे 2019 तक इसको पूरा किया जाए।
जोजिला पास टनल
जम्मू और कश्मीर में जोजिला सुरंग प्रोजेक्ट एनडीए सरकार की प्रमुख परियोजनाओं में से एक है। यह 14.08 किलोमीटर लंबी होगी। और हां, यह टनल एशिया की सबसे लंबी टनल होगी। और इस पर 10050 करोड़ रुपए खर्च होंगे। ज़ोजिला पास बालटाल (सोनमर्ग की ओर) और मातायान (द्रास की ओर) 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित है। पहाड़ों के बीच से निकलने वाला यह रास्ता करीब 10 किलोमीटर की रेंज में है। इस जगह पर हर साल भारी बर्फबारी के चलते सर्दियों के दिनों में लद्दाख क्षेत्र देश से पूरी तरह कट जाता है। वो भी एक-दो दिन के लिये नहीं पूरे-पूरे पांच से छह महीने के लिये। नवंबर से जून तक हर साल लद्दाख भारत से कटा रहता है। वो लद्दाख जो चीन के बॉर्डर पर है।