नई दिल्ली: प्रतिभा किसी कॉलेज या स्कूल में मिलने वाली शिक्षा की मोहताज नही होती है। प्रतिभा व्यक्ति के अंदर बसती है। कुछ ऐसे होते हैं। जो पढ़ाई करके भी वो हासिल नही कर पाते जो बिना पढ़े लिखे हासिल कर लेते हैं। एक ऐसे ही शख्स हैं तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव मे रहने वाले 65 वर्षीय मोहम्मद सहुल हमीद। जिन्होंने कक्षा पांच से ही अपनी पढ़ाई छोड़ कर काम करना शुरु कर दिया। जब वो बड़ा हुआ तो काम सीखने के लिए विदेश चला गया। विदेश मे कई सालों तक काम सीखने के बाद अपने गांव लौट कर उसने इंजीनियरिंग का एक ऐसा नमूना खड़ा किया जिसे देखने के लिए दूर-दूर से इजीनियर आते हैं।
गरीबी की वजह से छोड़ी पढ़ाई
मोहम्मद सहुल हमीद के परिवार की आर्थिक स्थिती ठीक ना होने की वजह से उन्हें अपना स्कूल कक्षा पांच में ही छोड़ना पड़ा और कुछ कर नहीं सकते थे। कुछ आता भी नहीं था तो मजदूरी करने लग गए। मजदूरी करते-करते घर बनाना अच्छा लगने लगा। कुछ ही दिनों में ये शौक बन गया। इसलिए उन्होंने कंस्ट्रेशन लाइन मे अपना कॅरियर बनाने की सोची। जब हमीद बड़े हुए तो वो काम सीखने के लिए दुबई चले गये। 20 सालों तक दुबई मे रहकर घर बनाने की ढेरों टेक्नालॉजी सीखीं। 20 साल बाद गांव लौटने पर हमीद ने एक ऐसा घर बनाया जो मूव कर सकता है। इसे मूविंग टाइप हाउस कहा जाता है। इसे प्री फैब्रिकेटेड संरचना कहा जाता है।
सबने उड़ाया मजाक
जब हमीद ने ऐसा घर बनाने की बात अपने दोस्तों और परीवार के सामने रखी तो सब उनका मजाक उड़ाने लगे। हमीद ने इस मूविंग हाउस को बनाने के लिए राफ्ट फाउंडेशन टेक्नॉलाजी का प्रयोग किया। 25 लाख रुपये मे तैयार उनका ये प्रोजेक्ट तमिलनाडु के मेलापुदुवक्कुदी गांव में 1080 स्क्वायर फीट जमीन पर खड़ा है। इस घर में ग्राउंड फ्लोर पर तीन और फर्स्ट फ्लोर पर 2 बेडरूम्स हैं। फर्स्ट फ्लोर को आयरन रोलर्स की मदद से इधर-उधर किया जा सकता है। हमीद ने बताया कि मैं कुछ नया करना चाहता था इसलिए मैंने ये मूविंग हाउस बनाकर सबको गलत साबित कर दिया। इस अनोखे निर्माण से प्रभावित होकर राज्य के विभिन्न जगहों से इंजीनियर हमीद का घर देखने आते हैं।
देखने आते हैं इंजीनियर
इस अनोखे घर में ग्राउंड फ्लोर पर तीन और फर्स्ट फ्लोर पर 2 बेडरूम्स हैं। फर्स्ट फ्लोर के बेडरूम्स को Iron Rollers की मदद से इधर-उधर किया जा सकता है। हमीद कुछ नया करना चाहते थे इसलिए 'Moving House' बनाया और लोगों को गलत साबित किया। इसे देखने अब विभिन्न जगहों से इंजीनियर आते हैं।