नई दिल्ली: हरियाणा सरकार अपने खिलाड़ियों की जीत पर करोड़ रुपये की घोषणा करके अपनी पीठ थपथपाती है लेकिन खिलाड़ियों को पैसे नहीं देती। ऐसा ही मामला सामने आया है हरियाणा के भिवानी जिले के गांव बलाली का। जहां की इंटरनेशनल रेसलर बहनों को पिछले चार वर्षों से विभिन्न चैंपियनशीप में मेडल जीतने वाली गीता, बबीता, विनेश, संगीता व ऋतु को अवार्ड की करीब 50 लाख रुपए की राशि नहीं मिली है। हरियाणा सरकार इन बहनों को वर्ष 2012 से 2016 तक विभिन्न प्रतियोगिताओं में जीते मैडल के दौरान की गई अवार्ड की घोषणा को भूल गई है।
हरियाणा सरकार ने ओलंपियन को भी नही दिया है इनाम
रियो ओलंपिक में जाने वाली ओलंपियन बबीता फौगाट ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि वर्ष 2015 में खेल मंत्रालय द्वारा उसे अर्जुन अवार्ड दिया गया था। अर्जुन अवार्ड की राशि केंद्र सरकार द्वारा उसे मिल चुकी है, लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा की गई पांच लाख रुपए की घोषणा मात्र घोषणा ही बनकर रह गई है। बबीता कहती हैं कि रियो ओलंपिक में देश के लिए पदक जीतने का मलाल जरूर है। लेकिन अर्जुन अवार्ड की घोषित पुरस्कार राशि न मिलने से मैं काफी दुखी और आहत महसूस कर रही हूं।
2012 में ओलंपिक खिलाडी को भी नहीं मिला है पैसा
हरियाणा सरकार ने ऐसा एक बार नहीं बल्कि कई बार हो चुका है। कुछ ऐसा ही हुआ है चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी इंटरनेशनल महिला कुश्ती खिलाड़ियों के साथ। वर्ष 2012 में ओलंपिक पहली बार पहुंचने वाली गीता फौगाट, बाद में अब रियो ओलंपिक में भाग लेने वाली बबीता व विनेश फौगाट के अलावा जूनियन व सीनियर विश्व महिला कुश्ती में मेडल जीतने वाली ऋतु व संगीता फौगाट अपनी अवार्ड की राशि पाने के लिए काफी जद्दोजहद कर रही हैं।
कई बार कर चुके हैं अप्लाई
बलाली बहनों के भाई और जूनियर कोच राहुल फौगाट ने बताया कि वह अपनी बहनों की अवार्ड राशि के लिए बार-बार खेल विभाग के कार्यालयों में जाकर फार्म अप्लाई कर चुके हैं। कभी फाइल को चंडीगढ़ पहुंचने से पहले ही गुम कर दिया जाता है तो कभी भेजा ही नहीं जाता। आखिरकार हमने खेल मंत्री व खेल निदेशक के अलावा हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को पत्र लिखना पड़ा है। हम खेल विभाग की लापरवाही से परेशान हैं।