स्वाद का हर व्यक्ति दिवाना होता है। स्वाद मीठा किसी को पसंद होता है तो किसी को कड़वा तो किसी को चटपटा तो किसी को खट्टा आदि। कोई दक्षिण भारतीय व्यंजनों का दिवाना होता है तो कोई गुजराती ढोकले का।सबका पसंद अलग-अलग होता है लेकिन भोजन बिना हर जीवन बेकार है। कहावत है कि पेट ना होता तो किसी से भेंट ना होता।।पापी पेट के पीछे मैं आपको कुछ सुस्वादु व्यंजन का रसास्वादन कराऊंगी।खा कर बताइएगा कि कैसा है और मुंह में पानी आने पर घर में बनवा कर खाइएगा।।