लेबनानी
महाकवि एवं महान दार्शनिक खलील जिब्रान (1883–1931) का साहित्य–संसार मुख्यतया दो प्रकारों में
रखा जा सकता है, एक : जीवन–विषयक गम्भीर चिन्तनपरक लेखन, दो : गद्यकाव्य,
उपन्यास, रूपककथाएँ आदि। मानव एवं पशु–पक्षियों के उदाहरण लेकर मनुष्य जीवन का कोई तत्त्व स्पष्ट
करने या कहने के लिए रूपककथा, प्रतीककथा अथवा नीतिकथा का माध्यम
हमारे भारतीय पाठकों व लेखकों के लिए नया नहीं है। पंचतन्त्र, हितोपदेश इत्यादि लघुकथा–संग्रहों से भारतीय पाठक भलीभाँति परिचित हैं। खलील जिब्रान
ने भी इस माध्यम को लेकर अनेक लघुकथाएँ लिखी हैं। समस्त संसार के सुधी पाठक उनकी
इन अप्रतिम रचनाओं के दीवाने हैं
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- जन्म: 06 जनवरी 1883
- निधन: 10 अप्रैल 1931
- जन्म स्थान: माउंट लेबनान, सीरिया
- कुछ प्रमुख कृतियाँ: अन्तिम संदेश, जीवन संदेश (दि प्रोफ़ेट) आदि कुल नौ पुस्तकें।(साभार:गद्यकोश)
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