लखनऊः विधानसभा चुनाव में पार्टी की पराजय के कारणो को तलाश कर रहे पूर्व मुख्य मंत्री एवं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहली बार स्वीकार किय है कि विधानसभा चुनाव में हार का एक बडा कारण परिवार का झगडा भी रहा है।
अखिलेश यादव के अनुसार घर के विवाद को मीडिया द्वारा कुछ ज्यादा प्रचारित हुआ और उसी का नुकसान हुआ। हालांकि मुलायम का अध्यक्ष पद लौटाने पर वह खामोश रहे। साफ है कि चाचा शिवपाल यादव की मांग पर अमल को वह तैयार नही और अध्यक्ष पद नहीं छोडेगे।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के ऐन मौके पर समाजवादी परिवार में जबरदस्त कलह मची हुई थी।सहारनपुर की जांच रिपोर्ट को लेकर पत्रकारों से मुखातिब अखिलेश यादव से बुधवार को जब यह पूछा गया कि उनसे पार्टी अध्यक्ष पद छोडने की मांग हो रही है, तो उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया। कहा किस परिवार में झगडे नहीं होत है। देश में कई राजनीति क परिवारों में विवाद है लेकिन, उनकी बात नही होती।
अध्यक्ष पर छोडने की शिवपाल की मांग पर उन्होंने फिर अपना एक दिन पुराना जुमला दोहराया कि एक दिन तय कर लो, उस दिन सवाल पूछ लेना लेकिन फिर उसके बाद परिवार पर सवाल मत पूछना। मुलायम को फिर से अध्यक्ष बनाने की नए सिरे से मांग उठ रही है पर जिसे नजर अंदाज कर अखिलेश साइकिल चिन्ह पर निकाय चुनाव लडने की तैयारी मेंजुटे हुए है। पार्टी का सदस्यता अभियान चल रहा है।
एक जनवरी 2017 को सपा अध्यक्ष का ओहदा संभालने के बाद अखिलेश ने तीन माह बाद मुलायम को अध्यक्ष पद लौटाने की जो बात कही थी, वह उस पर अमल करने नहीं जा रहेहै। विस में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी पहले ही अखिलेश को सपा का भविष्य बता चुके है और कह चुके है कि अखिलेश सपा का भविष्य हैं, अध्यक्ष पद लौटानेकी उन्हें आवश्यकता नहीं। मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी का कहना है कि अखिलेश ही अध्यक्ष है और संगठन मजबूत करने का प्रयास हो रहा है ।