नई दिल्ली : मोदी सरकार ने मंगलवार को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के दो अधिकारियों को खराब प्रदर्शन और अनुशासनहीनता के आरोप में बर्खास्त कर दिया. ऐसी कार्रवाई 10-15 साल बाद किसी केंद्र सरकार ने की हैं. इससे पहले जब केंद्र की सरकार ने इस तरह की कार्रवाई की थी , तब महाराष्ट्र काडर के अफसर पर गाज गिरी थी.
केंद्र सरकार द्वारा बर्खास्त किए अफसरों में 1992 बैच के छत्तीसगढ़ काडर के IPS राजकुमार देवांगन और 1998 बैच के यूनियन टेरिटॉरीज काडर के IPS शील चौहान हैं. दोनों अधिकारियों को तीन महीने का वेतन देकर जबरन सेवा से हटा दिया गया है.
पीएम का आदेश जो काम के लायक नहीं, उन्हें बाहर निकालें
सूत्रों ने बताया कि यह बड़ी कार्रवाई पीएम मोदी के सख्त निर्देश के बाद की गई है जिसमें उन्होंने सभी मंत्रालयों से कहा है कि जो अधिकारी सरकारी सेवा के नियमों का लाभ उठाकर काम से भाग रहे हें या सिस्टम पर बोझ बने हुए हैं उन्हें तत्काल बाहर करें. अगले कुछ दिनों में इस तरह की कई कार्रवाई होने की संभावना है.
क्या है आरोप
आपको बता दें कि मयंक पर आरोप है कि वह असम में तैनाती के समय वह अचानक गायब हो गए थे. इस मामले में काफी विवाद हुआ था. पहले उनकी अपहरण की खबर आई लेकिन बाद में जानकारी मिली थी कि वह खुद गायब हुए थे और दिल्ली में छिपे थे. इसके अलावा भी कई दूसरे विवादों में उनका नाम आया था. उनकी पत्नी भी गलत प्रमाण पत्र के साथ एक एयरलाइंस में नौकरी करने के आरोप में फंसी थी.