4 अप्रैल 2020
रात जितनी बढ रही थी ,खामोशी उतनी ही फैल रही थी । रूठ कर तेरा ,यूं बैठना कहा मेरे दिल की पुकार सुन पा रही थी ।।😍😍😍😍😍😍😍