भारत में महिलआो को जहां एक ओर दबाकर रखने का चलन है वहीं दूसरी ओर महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है। खेल, फिल्म, धार्मिक या फिर राजनीतिक हर जगह महिलाओं ने एक ऐसी जगह बनाई है जहां पर पुरुषों की ही पूछ रही है। बात अगर राजनीति की करें तो भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का रुतबा ही अलग रहा है। एक छोटे से गांव से आने वाली प्रतिभा जी ने वो हासिल किया जो हर किसी के बस की बात नहीं है। प्रतिभा पाटिल के मन में बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत थी और समय के साथ उन्होने इसे पूरा किया। साल 2007 में प्रतिभा पाटिल भारतवर्ष की पहली महिला राष्ट्रपति बनी और अपने कार्यकाल के दौरान इन्होंने बहुत कुछ किया जो इनकी व्यक्तित्व को दर्शाता है। कुछ मामलों में प्रतिभा पाटिल को राजनीति के साथ सामाजिक तौर पर मसीहा कहा जाता है।
प्रतिभा पाटिल की जीवनी (Pratibha Patil Jeevani)
श्रीमति प्रतिभा पाटिल जी का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव नामक गांव में 19 दिसंबर, 1934 को हुआ था। इनका पूरा नाम श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल था। पाटिल जी ने 25 जुलाई, सन् 2007 को हमारे भारतवर्ष के 12 वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था और यह पहली भारतीय महिला थीं जिनको राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया। इस राष्ट्रपति पद को ग्रहण करने से पहले पाटिल जी 8 नवंबर 2004 - 21 जून 2007 तक राजस्थान में राज्यपाल के पद पर कार्यरत थीं।
इनकी शिक्षा-
श्रीमती प्रतिभा पाटिल जी ने जलगांव के आरआर विद्यालय से अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरूआत की और इसके बाद जलगाँव के श्री मूलजी जेठा कॉलेज से राजनीति विज्ञान व अर्थशास्त्र में एम.ए की डीग्री प्राप्त कर ली। पाटिल जी ने GOVERNMENT LAW COLLEGE, MUMBAI से L.L.B की पढ़ाई पूरी की। कॉलेज में पढ़ाई के दौरान खेलों में भी भाग लिया कतरती थीं जैसे कि टेबल टेनिस खेल में काफी अच्छा खेला और कई खेलों में विशेष पुरस्कार प्राप्त किया।
प्रोफेसनल करियर-
PRATIBHA PATIL ने जलगाँव के जिला न्यायालय में एक प्रैक्टिस वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत कर ली और इसके साथ ही अनेक प्रकार के सामाजिक कार्यो में विशेष रूप से गरीब महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बहुत सारा योगदान दिया।
राजनैतिक करियर-
जब ये 27 साल की थीं तभी इन्होंने जलगाँव में विधानसभा क्षेत्र से महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल के लिए अपने जीवन में पहले चुनाव में ही सफलता हासिल की। इसके बाद 1985 तक एदलाबाद/मुक्ताई नगर निर्वाचन क्षेत्र से 4 बार विधायक बनीं। सन् 1985 से 1990 तक राज्यसभा में सांसद के रूप में कार्यरत रहीं और फिर बाद में दसवीं लोकसभा के लिए सांसद के रूप में चुनी गयीं। सन् 1991 में अमरावती जिले के निर्वाचन क्षेत्र से एक आम चुनाव लड़ा। इसमें भी इनको सफलता ही हासिल हुई।
महाराष्ट्र में लंबे कार्यकाल के दौरान प्रतिभा देवीसिंह पाटिल जी ने भारत सरकार और महाराष्ट्र विधानसभा क्षेत्रों में कई पदों पर कार्यरत रहीं, जो कि निम्न हैं-
1.महाराष्ट्र सरकार में 1967-1972 तक उप मंत्री, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री, निषेध, पर्यटन मंत्री, आवास और संसदीय कार्यभार संभाला।
2.महाराष्ट्र सरकार में 1972 से 1974 तक समाज कल्याण मंत्री।
3.राज्यसभा में कार्यरत होने के दौरान पाटिल जी ने सन् 1986 - 1988 तक राज्यसभा की उपसभापति रहीं और 25 जुलाई 1987 से 2 सितंबर 1987 तक डॉ. आर. वेंकटरमन को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर इन्होंने अध्यक्ष और राज्यसभा के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद सन् 1986 - 1988 तक अध्यक्ष, विशेषाधिकार समिति, राज्य सभा और सदस्य, व्यवसाय सलाहकार के पद पर भी रहीं।
4.कैबिनेट मंत्री, सांस्कृतिक मामलों में सन् 1975 - 1976 तक महाराष्ट्र सरकार में कार्यभार संभाला।
5.महाराष्ट्र सरकार में सन् 1977 - 1978 तक शिक्षा मंत्री।
6.शहरी विकास और आवास मंत्री सन् 1982-1983 तक महाराष्ट्र सरकार के अंतर्गत।
सामाजिक और सांस्कृतिक कार्य अवधि-
श्रीमती पाटिल जी ने अपने जीवन काल में महिलाओं, बच्चों व समाज के निम्न वर्गों के उत्थान के लिए बहुत योगदान दिया। जिसके लिए कई संस्थानों का निर्माण भी कराया।
1.मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में में काम करने वाली महिलाओं के लिए छात्रावास बनवाये और ग्रामीण युवाओं के लिए जलगांव में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी बनवाया।
2.आपको बता दें कि SHRAM SADHANA TRUST जो कि समाज के विकास के लिए कल्याणकारी कार्यों में भाग लेता है।
3.जलगांव में अंधे लोगों के लिए स्कूल का निर्माण करवाया।
4.गरीब घर के बच्चों के लिए और अमरावती जिले में पिछड़ी जाति के बच्चों के लिए स्कूल बनवाये।
5.महाराष्ट्र के अमरावती में एक कृषि विज्ञान प्रशिक्षण केंद्र बनवाया।
यहां तक की पाटिल जी ने महाराष्ट्र में सभी गरीब परिवार और जरूरतमंद महिलाओं के लिए संगीत की शिक्षा, कंप्यूटर की शिक्षा और सिलाई की कक्षाएं आयोजित करने में योगदान दिया।
पारिवारिक जीवन पर प्रकाश-
श्रीमती प्रतिबा पाटिल जी का विवाह डॉ. देवीसिंह रामसिंह शेखावत जी के साथ हुआ, जिन्होंने रसायन विज्ञान में पीएच.डी. की पढ़ाई हैफकीन इंस्टीट्यूट, मुंबई से पूरी की। इसके बाद वे अमरावती नगर निगम के पहले मेयर बने और साथ में अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व भी किया। पाटिल जी के दो बच्चे हैं, एक पुत्र और एक पुत्री। बेटी का नाम ज्योति राठौर और बेटे का नाम श्री राजेंद्र सिंह रखा।
"पाटिल जी का जन्म- 19 दिसंबर, 1934
गांव- महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव
पाटिल जी का विवाह- डॉ. देवीसिंह रामसिंह शेखावत जी के साथ
पद- १२वी राष्ट्रपति ,25 जुलाई सन् 2007"