पर्यावरण की सुरक्षा औरसंरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए पूरे विश्व में 5 जून को “विश्व पर्यावरणदिवस” के रूप में मनाया जाता है । इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्तराष्ट्र ने पर्यावरण के प्रति वैश्विक स्तर पर राजनीतिक और सामाजिक जागृति लाने हेतु वर्ष 1972में की थी । इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वार
बढ़ता प्रदूषण कल रात कहीं बड़े जोर शोर से आतिशबाज़ी चल रही थी |ऐसा प्रतीत होता था शायद कहीं आतिशबाजी की प्रतियोगिता चल रही थी | हम क्यों नहींइस बात को समझ पा रहे हैं कि आतिशबाज़ी का धुआँ प्रदूषण का बहुत बड़ा कारण है इसीतरह से बहुत सी आतिशबाज़ी, वाहनों का धुआँ, फैक्ट्री आदि का धुआँमिलकर धुएँ का एक ऐसा गुबा
बिल्लु एक टांगेवाला है। उसका रोजगार का साधन ही टांगा और घोड़ा हैं। रोजाना टांगा स्टैंड पर जाना और सवारियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना। जब अच्छी कमाई हो गई तो अच्छा खाना पीना, मंदी रही तो जेब अनुसार घर का खर्च। एक दिन जब वह घर से निकल रहा था तो उसकी बीवी ने उसे बोला कि आज घर खर्च चलाने ला
लखनऊ- गंगा के किनारे बसा उन्नाव जिला आज जल प्रदूषण से किस कदर जूझ रहा है कि जिले के अधिकांश भाग के जलस्तर में क्रोमियम और फास्फोरस घर बना चुका है। पानी जहरीला बन चुका है जबकि प्रशासन कारगर कदम उठाने की जगह शायद मौत का खेल शुरू होने का इंजतार कर रहा है। प्रदूषण विभाग कागजी बाजीगरी में मस्त है वहीं म