पशुधन विधेयक 2023
पशुधन विधेयक 2023 के मसौदे का विरोध करने के लिए समाज के विभिन्न वर्गों से कई लोग आए हैं, जिसे 7 जून तक सुझावों के लिए पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की वेबसाइट पर रखा गया था। जीनत अमान से लेकर सुनील गावस्कर तक, कई मशहूर हस्तियां, राजनेता पशु अधिकार कार्यकर्ता और धार्मिक नेता खुलकर इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
यही मुख्य कारण है कि पिछले दो-तीन दिनों से ट्विटर पर '#SayNoToLiveStockBill2023' ट्रेंड कर रहा है। जैन धर्मगुरु भी बिल की आलोचना कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि इससे जीवित पशुओं का निर्यात और आयात बढ़ेगा और पशु क्रूरता को बढ़ावा मिलेगा। पशुधन की सूची में कुत्तों और बिल्लियों को जोड़ने का विवादित मुद्दा भी कई लोगों की आलोचना का विषय बन रहा है। एक वीडियो में, पूर्व भारतीय टीम क्रिकेटर कपिल देव को लोगों से उस बिल का विरोध करने की अपील करते हुए देखा जा सकता है, जो लोगों को पशुधन का निर्यात करने में सक्षम बनाएगा और उन्हें "निर्यात करने और उन्हें मारने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस बारे में अनभिज्ञ हैं। बिल की बारीकियां लेकिन उनका मानना है कि इस तरह का बिल पारित नहीं किया जाना चाहिए।
मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने सात जून, 2023 को इस विधेयक का मसौदा जारी करते हुए इस पर सार्वजनिक टिप्पणी और सुझाव मांगे थे। इस मसौदा विधेयक में भारत से जीवित पशुओं के निर्यात को विनियमित करने का प्रावधान किया गया था। पशुपालन और डेयरी विभाग की भूमिका मुख्य रूप से पशुपालन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए पशु कल्याण पहलुओं सहित उन्नत पशुधन स्वास्थ्य सुविधाओं, स्वच्छता आदि के समर्थन से संबंधित है। मंत्रालय ने कहा कि मसौदा विधेयक पर परामर्श के दौरान देखा गया कि इस मसौदे को समझने और आगे की टिप्पणी एवं सुझाव देने के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता है।
मंत्रालय ने कहा कि मामले से संबंधित संवेदनशीलता और भावनाओं को देखते हुए और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के साथ प्रस्तावित मसौदा विधेयक वापस ले लिया गया है। इस विधेयक के मसौदे को लेकर जैन समाज, पशुप्रेमी, पशु संरक्षण एवं सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं एवं पशु पालकों के मन में आशंका के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने यह बात कही।
एक प्रतिनिधि मंडल ने इस विषय को लेकर मंत्री को यहां ज्ञापन सौंपा। एक बयान के अनुसार मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा,‘‘केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ‘‘सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय’’ में विश्वास रखने वाली सरकार है, प्रत्येक प्राणी की भावनाओं को कद्र करने वाली सरकार है। हमारी सरकार में न तो पहले कोई जनविरोधी निर्णय लिया गया और न ही लिया जायेगा। पशु उत्पाद विधेयक 2023 के संबंध में जो सुझाव दिए गए हैं उनपर विचार कर बिल में यथा संभव कदम उठाये जायेंगे।’’
बाद में मीडिया ने जब इस बारे में पूछा तो बालियान ने कहा,’ इस (मसौदा विधेयक) के बारे में देश में कुछ धारणा बन गयी थी कि सरकार कुछ जिंदा पशुधन का निर्यात करना चाहती है। जो सबकी भावना है मंत्रालय उस पर विचार करने का प्रयास कर रहा है और विचार यही है कि शायद इसको वापस ले लिया जाये।’’
उन्होंने कहा कि आज जब देश आजादी का 75वाँ अमृत महोत्सव मना रहा है ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आजादी से पहले के समय से चले आ रहे कानूनों को बदलकर वर्तमान परिस्थिति के अनुसार किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार इसके लिए निरंतर प्रयासरत है। ऐसे ही एक कानून को बदलने के प्रयास के तहत इस कानून का मसौदा तैयार किया गया जिस पर आमजन से सुझाव मांगे जा रहे हैं।’’
सच तो यही है कि हमारे जीवन में पशुओं का महत्व भी कम नहीं हैं।