नई दिल्ली : आगामी पांच राज्यों में होने विधानसभा चुनावों से पहले एक फ़रवरी को केंद्र सरकार द्वारा आज बजट पेश करने को लेकर नई राजनीति शुरू हो गई है। कई विपक्षी पार्टियों में राष्ट्रपति और चुनाव आयोग से इस मामले में दखल देने की अपील की है। एक फ़रवरी को बजट पेश किये जाने के खिलाफ आज कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी पार्टियों के नेता मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात कर सकते हैं।
पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव से सिर्फ तीन दिन पहले एक फ़रवरी को सरकार आम बजट पेश करने जा रही है जबकि उत्तरप्रदेश में पहले चरण का मतदान भी आम बजट से महज 10 दिन बाद होना है। विपक्ष का कहना है कि इस साल आम बजट को विधानसभा चुनावों के बाद पेश किया जाये। खुद बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना प्रमुख भी इसके विरोध में अतर आयी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति से अपील की है कि आम बजट पांच राज्यों में चुनाव होने के बाद पेश किया जाये।
उद्धव ठाकरे का कहना है कि सरकार आम बजट में चुनाव से पहले वोटरों को लुभाने के लिए आकर्षण वाली घोषणाएं कर सकती है। बसपा नेता मायावती का भी कहना है कि चुनावों से पहले बजट पेश करना वोटरों को प्रभावित करने का तरीका है। मायावती ने चुनाव आयोग से कहा है कि बजट उत्तरप्रदेश में 8 मार्च को होने वाले अंतिम चरण के मतदान के बाद पेश किया जाना चाहिए। चुनाव आयुक्त नसीम जैदी का कहना है कि वह इस मामले में वह सोच विचार करेगी। CPI(M) के जनरल सेक्रेटरी सीताराम येचुरी ने भी राष्ट्रपति और चुनाव आयोग से इस मामले दखल देने की माँग की है।