नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के मंत्रियों का विवादों से नाता ख़त्म होने का नाम नही ले रहा है। कुछ दिन पहले अपने ओएसडी की नियुक्ति को लेकर सीबीआई की जाँच के घेरे में आये दिल्ली के स्वास्थय मंत्री सत्येन्द्र जैन अब हवाला कारोबार के एक मामले में फंसते नजर आ रहे हैं। ख़बरों की माने तो इनकम टैक्स विभाग ने सत्येन्द्र जैन को हवाला के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग करने के एक मामले में लिप्त पाया है। हालाँकि यह कोई नया मामला नही है। इसी साल सितंबर में इनकम टैक्स विभाग जैन से इस मामले में सवाल कर चुका है।
दैनिक जागरण की खबर के अनुसार अब इस मामले में इनकम टैक्स को जानकारी मिली है कि सत्येंद्र जैन और उनकी पत्नी पूनम जैन के नियंत्रण वाली चार कंपनियों ने वित्त वर्ष 2010-11 से 2015-16 के दौरान 16.39 करोड़ रुपये की मनी लांडिंग की। कोलकाता के हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से यह काम किया गया। आयकर विभाग सितंबर 2016 में जैन को इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है।
खबर में कहा गया है कि सत्येन्द्र जैन के करीबी कर्मचारी कोड वर्ड के साथ दिल्ली से हवाला माध्यम से नकदी भेजते थे। इसके बाद कोलकाता के हवाला ऑपरेटर छद्म कंपनियों के नाम से जैन की कंपनी में शेयर खरीदने के बहाने चेक या आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि ट्रांसफर करते थे। खबर के अनुसार इंडो मेटलक्ष्म्पेक्स को वित्त वर्ष 2010-11 और 2011-12 में हवाला ऑपरेटरों से क्रमश: 6.42 करोड़ और 0.72 करोड़ मिले।
जैन 2011 में इस कंपनी में निदेशक थे, जबकि उनकी पत्नी के पास इसकी 67 फीसद हिस्सेदारी थी। इसी तरह, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 2010-11 में 1.83 करोड़ रुपये और 2011-12 में 1.01 करोड़ रुपये मिले इस दौरान सत्येन्द्र जैन 20 फीसद हिस्सेदारी के साथ इस कंपनी में मुख्य प्रबंधन व्यक्ति थे। उन्होंने 31 जुलाई 2013 को इस कंपनी से त्यागपत्र दिया। इसके बाद इस कंपनी को 2015-16 में 2.02 करोड़ रुपये मिले। फिलहाल इस कंपनी पर मंगलायतन प्रोजेक्ट और जेजे आइडियल एस्टेट लिमिटेड के माध्यम से जैन की पत्नी और परिवार का नियंत्रण है।