लखनऊ : पूर्वांचल के 28 जिलों की 117 विधानसभा सीटों पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी जीत का नया फार्मूला तैयार किया है. इस फार्मूले में अगर बसपा सुप्रीमो कामयाब हो जाती हैं तो उन्हें उम्मीद है कि वह पूर्वांचल की कई सीटों पर अपनी पार्टी का झंडा लहराएंगी. दरअसल पूर्वांचल की इन सीटों को लेकर सभी पार्टियां अपनी जोर आजमाइश कर रही हैं.
माया को मुख्तार से बड़ी उम्मीद
सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती भी पूर्वांचल में अपनी पार्टी को ज्यादा से ज्यादा सीटें जितवाना चाहती हैं. बताया जाता है कि बहनजी के इस मिशन में कामयाब होने की एक मुख्य वजह पूर्वांचल में खासी पकड़ रखने वाले बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी हो सकते हैं. मालूम हो कि मुख्तार अंसारी सपा की साइकिल छोड़कर बसपा के हाथी पर सवारी करने आये हैं. आपको बता दें कि बाहुबली मुख्तार की खासी पकड़ पूर्वांचल के मुस्लिम वोट बैंक पर है. इसीलिए बसपा सुप्रीमो ने उन्हें अपनी पार्टी से उम्मीदवार ही नहीं बनाया बल्कि मुख्तार से उन्हें बड़ी उम्मीद भी है.
मायावती की मुस्लिम वोटों पर नज़र
युपी चुनाव में बसपा, सपा-कंग्रेस गठबंधन के बीच मुस्लिम वोटों को लेकर मारामारी मची है. मायावती ने इस चुनाव में 97 मुस्लिम प्रत्याशी उतारे हैं. इतनी बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतार कर मायावती मुस्लमानों को मैसेज देना चाह रही हैं कि बीएसपी को मुस्लमानों की सबसे ज्यादा चिंता है.
माया की दलित-मुस्लिम गणित
बहरहाल रही बात पूर्वांचल की तो वहां मायावती के पास इलाके का सबसे प्रभावी नाम मुख्तार अंसारी है और वो इस सहारे पूर्वांचल इलाके से अधिक से अधिक सीटें निकालने की उम्मीद लगाए बैठी हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यूपी में मुस्लमानों का मत प्रतिशत 19% है. मायावती को इस बात का भरोसा है कि अगर 23% दलित और 19% मुस्लिम मिल जाएं तो वे चुनावी यात्रा आसानी से पार कर जाएंगीं.