नई दिल्लीः सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद दोनों दलों के बीच कई सीटों पर फंसे पेंच ने भाजपा के प्रत्याशियों को मुस्कुराने का मौका दिया है। वजह कि सपा-कांग्रेस नेताओं के असंतोष की लड़ाई का फायदा उन्हें वोटों के रूप में मिलने की संभावना है। शुरुआत लखनऊ से करते हैं। हाथी की सवारी छोड़कर आए ब्रजेश पाठक को पहले भाजपा ने भगवंतनगर सीट से चुनाव मैदान में उतारा। बाद में वहां से हृदयनारायण दीक्षित को टिकट देकर ब्रजेश को लखनऊ मध्य से मौका दिया गया। अब ब्रजेश पाठक के समर्थक निहाल हैं। कह रहे हैं कि उनकी तो लाटरी लग गई। क्योंकि लखनऊ मध्य सीट पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों के प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है। किसी ने भी नामांकन वापस नहीं लिया। क्योंकि इस सीट पर दोनों दलों में सुलह ही नहीं हो पाई।
रायबरेली की 10 सीटों पर भी नहीं बनी बात
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि सपा से गठबंधन की बुनियाद ही रायबरेली और अमेठी की 10 सीटें हैं। क्योंकि यहां कांग्रेस का गढ है। अगर ये सीटें नहीं मिलती हैं तो फिर गठबंधन का मतलब ही नहीं रह जाएगा।
कांग्रेस दोनों संसदीय क्षेत्रों की सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने के फैसले पर कायम है। जब रविवार को लखनऊ के ताज होटल में साझा प्रेस कांफ्रेंस थी तो उस दौरान राहुल गांधी ने कागज पर रायबरेली की सीटें कांग्रेस को देने का अनुरोध किया थी। राहुल का लिखा यह कागज सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गया था। अमेठी सीट सपा के कब्जे हैं। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे मंत्री गायत्री प्रसाद यहीं से 2012 में चुनाव जीते थे। इस लिहाज से सपा अपनी यह सिटिंग विधायक की सीट छोड़ने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि सपा ने अमेठी से मंत्री गायत्री प्रजापति, ऊंचाहार से मंत्री मनोज कुमार पांडेय तथा गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया है। सपा के सामने दिक्कत है कि अगर कांग्रेस को वह रायबरेली की सीटें देती है तो उसे अपने ही कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।
अमेठी में अंदर की बहू बनाम बाहर की बहू के बीच लड़ाई
अमेठी सीट पर राजघराने की रानी अमिता सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ती रहीं हैं। गठबंधन के बाद सपा के इस सीट से दावा करने पर अमिता का कहना है कि अगर कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दल लड़ेंगी। उधर भाजपा ने राजघराने की कलह भुनाते हुए संजय सिंह की पुरानी पत्नी गरिमा सिंह को टिकट दिया है। भाजपा नेता कह रहे हैं कि पुरानी रानी क्यों महल से बाहर हैं और नई रानी अंदर। पुरानी रानी को जिताकर उन्हें जनता न्याय दिलाए।