रांची : झारखंड में रघुवर सरकार न सिर्फ नक्सलियों बल्कि रंगदारी के खिलाफ भी सख्त हुई है. इससे नक्सली द्वारा की गई हिंसा में कमी आई है. रघुवर दास ने कहा कि ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले दो साल में साल नक्सली हमलों में 50 फीसदी की कमी आई है. इससे होने वाली मौत की संख्या भी 64.7 फीसदी कम हुई है. वही केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रघुवर सरकार कि नक्सलियों के सरेंडर पॉलिसी कि जमकर तारिफ की हैं. कहा कि झारखंड सरकार कि पॉलिसी का असर यह है कि 15 लाख का इनामी खुंखार नक्सली कुंदन पाहन ने रविवार को रांची के डीआइजी एवी होमकर के सामने विधिवत सरेंडर कर दीया.
वसूली के खिलाफ रघुवर सरकार की मुहिम
रघुवर दास ने कहा हमने सिर्फ दो साल में नक्सलियों से 4.5 लाख करोड़ रुपए नगदी जब्त की हैं. यह वह रुपए है, जो नक्सलियों ने सारे सरकारी अधिकारियों, ठेकेदार , बिजनेसमेन , बजारों से वसूली की थी. वसूली के खिलाफ रघुवर सरकार के मुहिम ने नक्सलियों की आर्थिक रीड़ को तोड़ कर रख दिया हैं पीछली सरकारों कि तुलना में उनकी सरकार में घटनाओं में 50 फिसद की कमी आई हैं. 2001-2014 के दौरान, हर साल मारे गए पुलिसकर्मियों और आम जनता की संख्या क्रमश: 35 और 115 थी लेकिन पिछले दो सालो में समान क्रमशः 5 और 50 हो गई है. इससे पहले, नक्सलियों ने हर साल औसतन 39 हथियार लूट लिए थे, जबकि 2015-2016 में झारखंड में ऐसा कोई घटना नहीं हुई.
बीते साल के मुकाबले पड़ोसी राज्यों में हिंसा बढ़ी
हालांकि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष नक्सली हमले और उससे हुई लोगों की मौत की संख्या में इजाफा हुआ है. बीते साल 795 नक्सली हमले हुए थे जबकि इस साल 15 सितंबर तक 802 हमले हुए हैं. इसी तरह 162 लोग इस साल मारे गए. पिछले साल 118 लोगों की मौत अलग-अलग मामलों में हुई थी. बता दें कि साल 2011 से अब तक 1607 लोगों की मौत हुई. इनमें से 736 पुलिस के खबरी थे.
100 जिले सबसे खतरनाक
छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडीशा, बिहार, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के करीब 100 जिले नक्सल प्रभावित हैं. इन्हें अति संवेदनशील इलाका माना जाता है. छत्तीसगढ़ और झारखंड इन सभी में ऐसे राज्य हैं जहां 2011 के बाद से अब तक ज्यादा मौतें और हमले हुए. छत्तीसगढ़ में 291 हिंसा के मामले सामने आए. इस दौरान 81 की मौत हुई. झारखंड में 265 हिंसक घटनाएं हुईं. इनमें 67 लोगों की जान गंवानी पड़ी. नक्सलियों से जुड़े मामले निपटाने वाली जन अदालत की सुनवाई में 84 फीसदी की कमी आई है.
रघुवर सरकार ने नक्सलियों व उनसे प्रभावत आदिवासी लोगों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई स्कीम लॉन्च की है. झारखंड पुलिस फिल्म और नुक्कड़ नाटक के जरिये इन्हें जागरूक कर रही है. आदिवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए स्किल्ड बनाया जा रहा है. उन्हें घर में बुनाई से लेकर आंगनवाड़ी से जुड़े कार्य दिए जा रहे हैं.