लखनऊ : बिहार की राजनीति क बिसात पर विपक्षी पार्टियों द्वारा कथित महागठबंधन से जेडीयू के नीतिश कुमार द्वारा भाजपा से मिलकर सरकार बनाने का सबसे बड़ा सदमा कांग्रेस पार्टी और उनके कार्यकर्ताओ को लगा है। नितीश के बिना महागठबंधन ही नही बनेगा i 2019 में प्रधान मंत्री पद का सपना देख रहे राहुल गांधी के तो पैरों के नीचे से जमीन ही खसक गई। जेडीयू के ही शरद यादव और अनवर जैसे नेता जो राहुल गांधी सरकार में उपप्रधान मंत्री और मंत्री बनने की जुगत में थे, बिहार के बदलते घटनाक्रम के बाद जैसे उन्हें साँप सूंघ गया है,मीडिया से भी कुछ कहने से कतराते फिर रहे है।
विगत 20 माह से बिहार में बनी लालू नीतीश की सरकार में सरकार से बाहर रहते हुए भी,लालू की हैसियत मुख्य मंत्री से ऊपर थी। अपने दो पुत्रों में से एक को उपमुख्यमंत्री बनवाने के साथ ही लालू परिवार सत्ता पर काबिज हो गया था। अपनी ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध नीतिश कुमार के राज्य में लालू परिवार की कारगुजारियां जारी रही। हज़ारो करोड़ की सम्पत्ति बनाने वाले लालू परिवार पर जब आयकर विभाग और प्रवर्तन विभाग की नज़र पड़ी तो लालू परिवार पर संकट के बादल मंडराने लगे।
कांग्रेस पार्टी ऐसे समय मे भी बजाये लालू का साथ देने के केवल इसी जुगत में लगी रही कि 2019 का चुनाव भाजपा के विरुद्ध सोनिया के नेतृत्व में महागठबंधन बनाकर लड़ा जाए। नीतिश कुमार भी इसी के पक्षधर थे लेकिन राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में नही देखना चाहते थे। एजेंडा बदलने का इशारा इस बात का साफ संकेत था। सोनिया गांधी ने नीतिश कुमार को मिलाने की भरसक कोशिश की पर सिद्धान्तों के विपरीत समझौता न करने वाले नीतिश टस से मस नही हुये।
वास्तविकता यह थी कि सदा ईमानदार रहे नीतिश किसी भी भ्र्ष्टाचार में लिप्त नेताओ से संबंध ही नही रखते है। कांग्रेस पार्टी में नीतीश के ऐसे लोगो का सदैव अभाव रहा है। देश के आंतरिक विद्रोह का मामला हो या देश द्रोह का उसमे कही न कही कांग्रेस की संलिप्तता रहती ही है।
भाजपा से समझौते का समाचार सुनते ही प्रधान मंत्री पद के दावेदार राहुल गांधी तो, अपने को विदेशी साबित करते हुए, यहां तक बोल गए कि हिंदुस्तान की राजनीति में ऐसा ही होता है।नीतिश कुमार की उम्र की परवाह न कर उनपर कठोर तंच कसते चले गये।
अब नीतीश कुमार को कल सदन में अपना बहुमत सिद्ध करना है।अभी तंक के आकड़ो के अनुसार बहुमत नीतिश के ही पक्ष में ही है। यह विश्वास कर बैठना नही चाहिए, क्योंकि अब भाजपा और नितीश के दुश्मन आज पूरी रात गणित पलटने की कोशिश में ही लगे रहेंगे,खासकर लालू परिवार और गांधी परिवार जिनका राजनीतिक कैरियर ही इस समीकरण के बाद अब समाप्त होने वाला है।