378 दिनों से दिल्ली की सड़कों पर
अराजकता का बोलबाला रहा था&n
आज सारी दुनिया में भारतीय चुनाव प्रणाली दोष रहित मानी जाती है भारत सहित सारी दुनिया में
सी टी ए १८७१ भारत सरकार की दुर्भावना वशिभूत जनविरोधी नीतियों के कारण भारत की मूल भावना के विपरित
देखना खुद से होता हैं सुना दूसरों को जाता हैं दूसरे क्या
माना कि बाँध दिया था गांधारी को उसकी इच्छा के विरुद्ध अंधे वर के साथ<
डॉ. लोहिया के विचारों और आदर्शो को प्रचार प्रसार की जरूरत थी जिसे उनके अनुयायियों ने नही किया और
आजादी की कीमत दीवानों ने पहचानी तभी तो अपने प्राणों की दी हंसकर कुर्बानी
संकल्प राष्ट्रनिर्माण
मैं असत्य के आगे,
हरगिज़ नहीं झुकूंगा।
मैं नेताओं की करत
लखीमपुर खीरी राजनितिक पर्यटन हो गया है? या लखनऊ से सियासत का पतन
एक दिन देश के यशश्वी प्रधानमंत्री जी ने राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार को हॉकी के जादूगर श्री ध्या
पहले सीखो फर्क समझना, साकार और फिर साये मे! तब न्याय भी
आज हर कोई हाथ जोड़ता, प्यार से गले लगता, समस्याएं ध्यान से सुनता, पदयात्र