प्रस्तुत है सदाचार संप्रेषण निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह। सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाइ जाइ सुख दीन्ह॥ आचार्य श्री ओम शंकर जी,जिनके आचरण में हमें ज्ञान वैराग्य ध्यान उपासना सत्कर्म परिलक्षित
स्थान :सरौंहां (इस प्रातिदैवसिक प्रातर्होम को आप अपनी संश्रवण रूपी उपस्थिति से सफल बनायें ) कबीरदास जी की एक साखी को उद्धृत करते हुए आचार्य जी ने बताया कि सांसारिक सुख हमारे यथार्थ स्वरूप को विस्म
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर बयान दिया था और मात्र उस बयान के चलते ही २०१९ बिहार चुनाव में भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा था. हालांकि मोहन भागवत ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा था. उनके कहने का अर्
दिनाँक : 03.3.2022समय : सुबह 7 बजेप्रिय सखी डायरी,आज तो दिल्ली का मौसम बहुत ही गर्म है। एकदम से तेज धूप है, सर्दियां लगभग चली ही गई हैं।लेकिन यूक्रेन में तो सर्द-गर्मी है। यहां पर नी
पसरी है गहरी खामोशी, सन्नाटा भी सोया है,क्योंकि रातभर आसमां, शोलों के आंसू रोया है। धुँआ-धुँआ है जिंदगी, चहुंओर शोलों का गुबार छाया है,किसके बहकावे में आकर यूक्रेन तू, पत्थर से टकराया है।जिस नेटो
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर बयान दिया था और मात्र उस बयान के चलते ही २०१९ बिहार चुनाव में भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा था. हालांकि मोहन भागवत ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा था. उनके कहने का अर्थ ये थ
#fauji_munday_ki_kalam_se,,,,, #युद्धयुद्ध में खो जाती हैमासूमियत,युद्ध में खो जाती है,खिलखिलहट,बस बची रहती है तो चीखें और क्रूरता के निशान,रोती हुई आँखों का पानी तबाह किए गये मक
दिनांक: 28.2.2022समय : रात्रि 9 बजेप्रिय डायरी जी,बेलारूस में आज रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत हुई, पर दोनो की सहमति नहीं बनी। क्योंकि रूस पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। पहले-पहल अकेले नजर आ रहे
दिनाँक : 27.2.2022समय : दोपहर 12 बजेप्रिय डायरी जी,कल मेरी मैरिज एनिवर्सरी थी, जिसके लिए सभी ने शुभकामनाएं दीं। आशुजी ने तो अपनी डायरी में मुझे शुभकामनाएं देने के साथ साथ मेरे लिए एक प्यारी सी कविता भ
पुराने समय की बात है। उदयसेन नगर में एक राजा राज्य करता था। राजा बड़े धार्मिक प्रवृत्ति का था। वह राजकाज का कार्य अपने महामंत्री और मुख्यमंत्री के भरोसे छोड़कर हर दिन पूजा-पाठ में ही लगा रहता था
बात सिर्फ इतनी सी है जैसे एक अध्यापक अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाता है तब तक वो उन्हें वो सारा कुछ बताता है जो उन्हें नहीं आता या जो पूछते है।उसी बीच उसी अध्यापक का ड्यूटी एग्जाम कराते समय हो तो वो अध्यापक
हाथ जोड़कर हुकूमत करता हूं मैं साहब, नेता हूं मैं।
सत्ता का तन ढकते ढकते मीडिया ख़ुद नंगी हो गई।
उधर भी है क्या? राह में चलने वाला हर मुसाफ़िर, हम रही नही होता। कातिल, लूटरे, जालसाज, चालबाज, बहुरुपिए भी है। ये जो तड़प है, रुसवाई-बेचैनी इधर है, उधर भी है क्या? ये जो नींदों के ख़्वाब अधूरे से है,
फिर सर को एक झटका दे कर सोचा, इसमें बुरा क्या है, भारत में एक से एक महिला नेत्री है और अब मैं बड़ी बेसब्री से किचन की ओर देख रहा था , चाय के स्वाद के लि
चुनावी बयार बयार पश्चिम से पूरब की ओर चल पड़ी है। अब खेल होई या खदेड़ा, ईवीएम बटन से। बेटी हूँ लड़सक्ति हूँ, up आधी आबादी से। बहू, बेटी, बाबा, चाचा, भतीजे बने है नेता। परिवार दांव लगाए, टिकट मिले बे
मैं बिस्तर छोड़ कर सोफे में बैठ सुबह की सुनहरी किरणों का आनन्द ले रहा था कि मुझे याद आया कि कल रात्रि दस बजे के आसपास हरबंश राठौर जी का फोन आया था कि आपको कल दो बजे तक तमनार पह
. आपसे कम क़ाबिल लोगों का आप पर शासन करना, राजनीति से दूर रहने की सज़ा है. - प्लेटो
इन वर्दियों में कौन से धागे लगाते हैं । गर्मियां वे बस गरीबों पर दिखाते हैं । ठेलों से उठा लेते हैं वो अंगूर के दाने । जैसे बाप का हो माल वैसे हक जताते हैं । सरपट बैठ जाते हैं दरोगा पांव में जा
कासगंज। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी हर्षिता माथुर ने कलेक्ट्रेट सभागार में समस्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ आयोजित निर्वाचन बैठक में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उ0प्र0 विधान प